सियासत के लिए खड़ी की जाती है जाति-धर्म की दीवार
सियासत लोगों के बीच जाति-धर्म की दीवार खड़ी कर अपनी रोटी सेंकती है। ...और पढ़ें

गया। सियासत लोगों के बीच जाति-धर्म की दीवार खड़ी कर अपनी रोटी सेंकती है। देश के एकता-अखंडता को बचाए रखने के लिए इसे समझना जरूरी है। गांधी मैदान में रविवार को आयोजित सर्वधर्म संवाद में लोगों से यही अपील की गई।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। इसका आयोजन पीएस एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने किया था। अतिथियों ने शांति का प्रतीक कबूतर छोड़कर कार्यक्रम की शुरुआत की। केंद्र और राज्य सरकार से अमन-चैन बनाए रखने की अपील की गई।
जाने-माने विचारक स्वामी अग्निवेश ने कहा कि लोग ईश्वर को अपनी-अपनी आस्था के अनुसार अलग-अलग नाम से पुकारते हैं। कहीं मंदिर, कहीं मस्जिद, कहीं गुरुद्वारा तो कहीं गिरजाघर में। महापुरुषों को भी बांट दिया है। सियासतदानों ने अपनी दुकान चलाने के लिए समाज को बांट दिया है। उन्होंने कहा कि वे तेलुगू भाषी ब्राह्मण परिवार में पैदा हुए। बच्चा था तो हर धर्म पर अमल करता था। 17 साल की उम्र में कोलकाता जाने पर महर्षि दयानंद की पुस्तकों को पढ़ा तो लगा कि अब तक गलत था। आर्य समाज के संपर्क में आया। मनुष्य बनना सबसे बड़ा धर्म है, यही धर्म का असली मर्म है। भारत से जातिवाद को खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि गया में पिंडदान होता है। माता-पिता की मृत्यु के बाद श्राद्ध करते हैं। उनकी जिंदगी में ही सेवा करना सबसे बड़ा तीर्थ है।
आचार्य डॉ. लोकेश मुनि ने कहा कि मन की स्थिति को बदलने से ही हम शांति प्राप्त कर सकते हैं। शांति किसी किताब या धर्मगुरुओं के पास नहीं मिलती है। सभी को सम्मान भारत की संस्कृति और परंपरा रही है। भंते भीखू प्रज्ञादीप ने कहा कि बौद्ध धर्म में कहा कि शांति अपने अंदर बदलाव लाकर प्राप्त की जा सकती है। भगवान बुद्ध ने कहा है कि सभी धर्मो के प्रति हमें एक दृष्टिकोण रखना चाहिए। फादर जेम्स जॉर्ज ने कहा कि सभी धर्म एक है सभी के प्रति एक दृष्टिकोण रखना चाहिए। प्रभु यीशु ने यही मार्ग दिखाया है। इंजीनियर युसूफ खान ने कहा कि देश की अखंडता और बहुलतावादी संस्कृति को बचाने के लिए सभी भारतीय को आगे आना होगा। उन सियासत करने वालों से सावधान रहना होगा, जो चुनाव या दूसरे मौकों पर देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटते हैं। सर्वधर्म संवाद में पंडित रामाचार्य, सरदार करनेल सिंह बग्गा, मविवि की पूर्व कुलपति प्रो. कुसुम कुमारी सहित पीस एसोसिएशन के सदस्यों ने शांति और सौहार्द का संदेश दिया। सर्वधर्म संवाद का संचालन पी. नारायण ने किया।

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