Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बिहार को देगा औद्योगिक विकास की नई उड़ान, हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 04:51 PM (IST)

    गया जिले में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के अंतर्गत एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। लगभग 1670 एकड़ भूमि पर स्थापित होने वाले इस क्लस्टर में पर्यावरण संरक्षण का भी ध्यान रखा गया है। इससे वर्ष 2039 तक हजारों लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है और गया एक औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरेगा।

    Hero Image
    अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बिहार को देगा औद्योगिक विकास की नई उड़ान

    संवाद सूत्र, डोभी। गया जिले के औद्योगिक और आर्थिक भविष्य को नई दिशा देने वाला प्रोजेक्ट अब हकीकत का रूप लेने जा रहा है। अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत गया जिले में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जा रहा है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना न केवल बिहार, बल्कि पूरे पूर्वी भारत की औद्योगिक तस्वीर बदलने का सामर्थ्य रखती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अंचल अधिकारी परीक्षित कुमार ने बताया कि लगभग 400 कंपनियों के प्रतिनिधि जमीन का निरीक्षण कर चुके हैं। सड़क का निर्माण और जमीन के बाउंड्री हेतु निविदा का कार्य चल रहा है।

    भारत सरकार के नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत इस कॉरिडोर को विकसित किया जा रहा है, जिसका मकसद है, रोजगार के अवसर बढ़ाना, उद्योगों का विस्तार करना और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना।

    गया जिले में चिह्नित 1670.22 एकड़ भूमि पर यह औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किया जाएगा। इसमें कुल 33% (551 एकड़) भूमि हरित क्षेत्र के लिए सुरक्षित की गई है, ताकि पर्यावरण और विकास का संतुलन कायम रखा जा सके।

    इस परियोजना को पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समरसता को ध्यान में रखकर आगे बढ़ाया जा रहा है। परियोजना का विस्तृत पर्यावरण प्रभाव आकलन किया गया है और इसे 2006 के पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत मंजूरी दी गई है। निर्माण और संचालन चरण में वायु, जल, ध्वनि एवं मिट्टी प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस निवारण उपाय अपनाए जाएंगे।

    परियोजना से होने वाले लाभ

    • बुनियादी ढांचे का विकास- सड़क, जल आपूर्ति, ऊर्जा और परिवहन की अत्याधुनिक सुविधाएं क्षेत्र को नए निवेश और औद्योगिक विकास के लिए आकर्षक बनाएंगी।
    • रोजगार सृजन- अनुमान है कि वर्ष 2039 तक प्रत्यक्ष रूप से 51,993 और अप्रत्यक्ष रूप से 57,192 लोगों को रोजगार मिलेगा।
    • निवेश क्षमता- इस परियोजना से लगभग 16,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
    • सतत विकास- हरित क्षेत्रों और पर्यावरण-अनुकूल औद्योगिक इकाइयों के कारण यह परियोजना टिकाऊ औद्योगिक विकास का मॉडल साबित होगी।
    • सामाजिक लाभ- बेरोजगारी और गरीबी कम होगी, डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास केंद्र, चमड़े के उत्पाद, खाद्य, कृषि प्रसंस्करण इकाइयां, फर्नीचर उत्पाद, तकनीकी उद्योग समूह और स्वास्थ्य सेवाओं जैसी सुविधाएं जीवन स्तर को ऊंचा उठाएंगी।
    • स्थानीय व्यापारियों के लिए अवसर- परियोजना स्थानीय स्तर पर श्रम आपूर्ति और सप्लाई चेन नेटवर्क को मजबूत करेगी।

    गया का यह औद्योगिक क्लस्टर पूर्वी भारत के लिए औद्योगिक हब साबित हो सकता है। इससे न केवल स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगास बल्कि क्षेत्रीय व्यापार और कृषि उत्पादों के लिए नए बाजार भी तैयार होंगे। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद गया राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन जाएगा।