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    टीबी मरीजों को मिलता प्रतिमाह 500 रुपया, सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त जांच व दवाई की सुविधा

    By Prashant KumarEdited By:
    Updated: Thu, 25 Feb 2021 09:44 AM (IST)

    टीबी यानी यक्ष्मा रोग को लेकर कुछ लोगों में कुछ गलत धारणा बनी हुई है कि यह बीमारी लाइलाज है और इसका कोई इलाज नहीं है जबकि ऐसा नहीं है। यदि टीबी के लक्षणों की पहचान कर उचित उपचार हो तो यह बीमारी आसानी से ठीक हो सकती है।

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    टीबी के मरीजों का सही समय पर उपचार संभव। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

    जागरण संवाददाता, सासाराम। टीबी यानी यक्ष्मा रोग को लेकर कुछ लोगों में कुछ गलत धारणा बनी हुई है  कि यह बीमारी लाइलाज है और इसका कोई इलाज नहीं है, जबकि ऐसा नहीं है। यदि टीबी के लक्षणों  की  पहचान कर सही समय पर उचित उपचार हो तो यह बीमारी आसानी से ठीक हो सकती है। आज टीबी मरीजों के लिए सरकार द्वारा अनेकों सुविधाएं दी जा रही हैं, जिसमें निशुल्क जांच एवं  निशुल्क दवाईयों के अलावा 500 रुपए प्रतिमाह देने का प्रावधान शामिल है  टीबी मरीज को पांच सौ रुपए प्रति माह की राशि इस लिए दी जाती है कि उस पैसे से उचित आहार ले सके। यह सुविधा ऐसे  टीबी मरीजों को दी जातो  है जो अपने जिले के सरकारी अस्पताल में अपना रजिस्ट्रेशन  कराये हों  और  उनका इलाज वहां चल रहा हो। यह कहना है सदर अस्पताल सासाराम के टीबी विभाग में पदस्थापित सीडीओ डॉ राकेश कुमार  का।

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    डॉ राकेश ने बताया कि यदि टीबी रोग की शुरुआती  लक्षणों   की  पहचान की जाए तो इसको जल्दी ठीक किया जा सकता है।  सीने में दर्द रहना, लंबे समय से खांसी होना या खांसी के साथ खून का आना, थकावट महसूस करना, बुखार आना, भूख न लगना, रात में पसीना आना, अचानक वजन कम होना एवं  सांस फूलना आदि  टीबी के मुख्य लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि यदि इनमें से कोई भी लक्षण लोगों  में  दिखाई दे तो एक बार टीबी की जांच जरूर करवा लें।

    छूने से नहीं फैलता टीबी की बीमारी

    डॉ राकेश कुमार ने बताया  जिले में टीबी का पूर्ण ईलाज है। उन्होंने कहा कि  टीबी छुआछूत की बीमारी नहीं है  इसलिए  लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। यदि घर के  किसी भी व्यक्ति में  टीबी की बीमारी से जुड़े  कोई भी शुरुआती लक्षण  दिखाई दे तो तुरंत ही जांच कराएं. इसके लिए सरकारी अस्पतालों में कोई जांच फीस नहीं  लगती  है। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति चाहे तो वह टीबी बीमारी की जांच करवा सकता है। डॉ कुमार ने कहा  टीबी बीमारी को लेकर गलत भ्रम न पालें और ना ही लोगों के बीच गलत संदेश दें। यदि आसपास किसी भी व्यक्ति में  टीबी के लक्षण दिखाई दे तो उसे जांच  कराने के लिए सलाह दें। उन्होंने बताया  विभाग द्वारा भी समय-समय पर जिले के विभिन्न जगहों पर कैंप लगाकर टीबी जांच किया जाता है। टीबी इससे ग्रसित लोगों के संपर्क में आने या छूने से नहीं फैलता है। इसलिए लोग यह भ्रम न  पालें   कि  टीबी रोग छूने से या मरीज के संपर्क में आने से फैलता है।  छींकने या खांसने से टीबी फैलने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए जो लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं वह मुंह को हमेशा  तौलिया या मास्क से ढक कर रखें।

    सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज

    टीबी के मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में ईलाज के दौरान सारी सुविधाएं मुफ्त प्रदान की जाती है। टीबी से संबंधित सभी प्रकार की जांच मुफ्त की जाती है। साथ ही टीबी की दवाइयां भी मरीज को मुफ्त में दिया जाता है। इसके अलावा टीबी से ग्रसित मरीज को प्रतिमाह 500 रुपये भी दिए जाते हैं।