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    मां बागेश्वरी, गया

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    Updated: Sat, 08 Oct 2016 09:45 PM (IST)

    गया। गया शहर के उत्तरी क्षेत्र बागेश्वरी मोहल्ले स्थित मां बागेश्वरी मंदिर स्थापित है। औरंगजेब शा

    गया। गया शहर के उत्तरी क्षेत्र बागेश्वरी मोहल्ले स्थित मां बागेश्वरी मंदिर स्थापित है। औरंगजेब शासन काल में मंदिर की स्थापना किया गया था। मां बागेश्वरी के हाथ में वीणा रहने से मां सरस्वती व सिंह पर सवारी रहने के कारण मां दुर्गा रुप भी दिखती है। इस मंदिर की स्थापना के समय बागेश्वरी मोहल्ला घना जंगल था। उसी जंगल से कहानी जुड़ी है।

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    विशेषता -

    मां बागेश्वरी मंदिर की स्थापना काल में घना जंगल था। परन्तु मंदिर के अगल बगल मोहल्ला में रह रहे लोग इस मंदिर मे पूजन अर्चना करने लगे। पूजन अर्चना करने से लोगों की मन्नतें पूर्ण होने लगी। लोगों में आस्था व विश्वास में जागरुकता आई। विश्वास जागरुक होने के कारण मंदिर का जिर्णोद्धार होते चला गया। परिणामत: आज के दिन बागेश्वरी मोहल्ले नगरनिगम क्षेत्र में परिणत हो गया। और मंदिर गया पटना रोड पर आ गई।

    इतिहास-

    बागेश्वरी मंदिर स्थापना से पूर्व क्षेत्र घना जंगल के रुप में था। शासक औरंगजेब जंगल की कटाई के लिए तत्कालिन बुदौली स्टेट नवादा के जमींदार रामानुग्रह पूरी को ठिका दिया था। जमींदार पूरी द्वारा मजदूर लगाकर जंगल की कटाई शुरु किया गया था। तभी मजदूरों को एक काला पत्थर की पड़ी एक छोटी सी प्रतिमा दिखाई दिया। मजदूरों ने उक्त प्रतिमा को जमींदार पूरी को सौंप दिया। वे प्रतिमा को खड़ी कर रख दिया। तभी एक रात में प्रतिमा अपने आप बड़ा रुप में तब्दील हो गया। तभी जमींदार ने प्रतिमा को स्थापित कर दिया। हालांकि औरंगजेब अपने शासनकाल में उक्त प्रतिमा को खंडित कर दिया गया था। जिसे पूरी द्वारा मरम्मत कराया गया। इसी बीच जमींदार पूरी की मौत हो गई। तत्पश्चात जमींदार का रिस्तेदार यशवंत पूरी ने किसी मांग को ले मन्नत माना। मन्नत पूर्ण होने पर मंदिर का निर्माण कराया। जो आज मां बागेश्वरी के नाम से मसहूर है।

    पूजन विधि-

    मां बागेश्वरी मंदिर का सुबह पांच बजे पट खुलता है। तत्पश्चात मंदिर की सफाई कर माता का आरती व भोग ल्रगता है। भोग लगने में चावल, चना दाल व सब्जी का भोग लगाया जाता है। तभी श्रद्धालुओं की पूजन अर्चना करने के लिए आना शुरु हो जाता है। जो दोपहर 12 बजे तक फिर पट बंद कर दिया जाता है। पुन: दो बजे फिर पट खोल दिया जाता है। जो रात नौ बजे तक श्रद्धालुओं द्वारा पूजन जारी रहती है। मंगलवार को विशेष पूजा किया जाता है। पट खुलने के बाद सफाई कर ओढूल फूल व गेंदा फूल से माता का सिंगार किया जाता है। सुबह में भोग में खीर तथा शाम में खीर और पुड़ी का भोग लगाया जाता है।

    कौन करते हैं संचालन--

    मां बागेश्वरी मंदिर का देखभाल जमींदार रामानुग्रह पूरी के रिस्तेदार सह नवादा के पूर्व सांसद सूर्य प्रकाश पूरी द्वारा किया जा रहा है। वे हमेशा मंदिर में आते रहते हैं। उनके द्वारा पूजारी सुनील पांडे को रखा गया है। पूजारी श्री पांडेय ने बताया कि मंदिर की कुल रकवा पौने तीन बिगहा का रकवा है। जिसमें एक समुदायिक भवन का निर्माण कराया गया है। जहां स्थानीय वासियों द्वारा शादी या अन्य कार्यक्रम के लिए उपयोग किया जाता है।