.. अब किशमिश से बन रही देसी शराब
गया। 1 अप्रैल से शराबबंदी कानून के अस्तित्व में आ जाने के बाद बिहार में शराब को लेकर कई तरह के प्रति
गया। 1 अप्रैल से शराबबंदी कानून के अस्तित्व में आ जाने के बाद बिहार में शराब को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लग गए। इसके काफी पहले ही बिहार में महुआ फूल के व्यवसाय पर प्रतिबंध लगा था। फिर भी अवैध चुलाई की शराब के लिए महुआ फूल का बहुतायत प्रयोग होता रहा। इस धंधे में महुआ फूल से ज्यादा इसके अवैध कारोबार करने वाले फले-फूले। लेकिन 5 अप्रैल से पूर्ण शराबबंदी के बाद महुआ फूल के आवक पर काफी हद तक काबू पा लिया गया था। लेकिन अवैध चुलाई से देसी शराब बनाने वालों को किशमिश ने इस अवैध व्यापार को नये सिरे से एक नया आयाम दे दिया। अब गांव में जो शराब पुलिस या आबकारी विभाग को हाथ लग रहा है। उसमें किशमिश प्रमुख अवयव है। यहां तक कि चुलाई शराब के अड्डे पर की जा रही बरामदगी की बात करें तो छुहाड़ा भी पुलिस टीम को हाथ लगी है।
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महुआ फूल से अधिक मुनाफा
किशमिश के कारोबार में महुआ फूल से अधिक मुनाफे की बात बतायी जाती है। बताया जाता है कि जिस वक्त महुआ फूल का कारोबार होता था। इसके एक किग्रा में एक-दो रुपये प्रति मुनाफा कमाने की होड़ रहती थी। लेकिन किशमिश में इससे भी अधिक मुनाफा होता है।
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कहां से आ रहा किशमिश
किशमिश जो आम आदमी सेवन करते हैं। उसकी कीमत अधिक हुआ करती है। लेकिन जिस किशमिश की क्वालिटी बेहतर नहीं होती। उसकी कीमत कम होती है। जिसे छत्तीसगढ़ जसपुर से मंगाया जा रहा है। जो गुमला होते हुए लोहरदग्गा, टोरी, चतरा के रास्ते हंटरगंज और फिर यहां से बिहार की सीमा में सड़क मार्ग से गया जिला प्रवेश कर रहा है। फिर गोदाम में। और यहां से शराब निर्माण के अड्डों तक।
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सेल्स टैक्स का फेर नहीं
न तो किशमिश प्रतिबंधित है। न ही इसके व्यापार करने वालों को अलग से लाइसेंस लेने की दरकार। सिर्फ सेल्स टैक्स का फेर होता है। जो अदा कर बड़े आराम से मंगाए जा रहे हैं। इसलिए इसकी जांच नहीं की जाती। न तो रोका जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि घटिया स्तर (जिसका उपयोग मनुष्य नहीं कर सकते) के किशमिश व छुहाड़ा दोनो से यहां शराब बन रही है।
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बेलागंज में हाल ही पकड़ी गई थी
जिले के बेलागंज थानाध्यक्ष अमरदीप कुमार ने एक अवैध शराब निर्माण अड्डे पर छापामारी कर किशमिश व छुहाड़ा से बन रहे देसी शराब मामले का उद्भेदन किया था। वहीं मानपुर के बुनियादगंज, चंदौती, चाकंद आदि क्षेत्रों में किशमिश से तैयार की जा रही चुलाई कर देसी शराब निर्माण की बात बताई जाती है।
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फिर वही 'दिल' लाया हूं
किशमिश से बन रही देसी शराब के धंधे में इसकी आपूर्ति कराने में वहीं लोग शामिल बताए जाते हैं। जिनके उपर गया, जहानाबाद जिला में महुआ फूल के अवैध व्यापार के मामले दर्ज हुए हैं। ऐसे कारोबारियों का गया शहर से ही ठिकाना व व्यवसाय दोनों होने की बात बताई जाती है।
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