नक्सलियों की माद से प्रतिदिन निकलता तीन हजार लीटर दूध
गया। भले ही इमामगंज की चर्चा नक्सलियों के गढ के रूप में होते रही है लेकिन अब इसकी चर्चा दूध उत्पादन ...और पढ़ें

गया। भले ही इमामगंज की चर्चा नक्सलियों के गढ के रूप में होते रही है लेकिन अब इसकी चर्चा दूध उत्पादन केन्द्र के रूप में हो रही है। यहा से प्रतिदिन तीन हजार लीटर दूध जिला मुख्यालय गया में भेजे जा रहे हैं।
कैसे हुई शुरूआत
मदसारी दूध उत्पादन सहयोग समिति लिमटेड के संचालक अशोक कुमार बताते हैं कि बर्प 2004 में दो गाय खरीदा। गया के मगध डेयरी प्रोजेक्ट से सम्पर्क कर दूध देने की प्लानींग बनायी। प्रतिदिन 30लीटर दूध देने की शुरूआत की। कई गाव के लोगों को दूध उत्पादन के बारे में सलाह दिया। पशुपालन से लाभ समझकर कई गाव के लोगों ने गाय खरीदे। धीरे-धीरे डेरी में दूध देनेवालों की संख्या बढने लगी।आज इमामगंज,डुमरिया एवं बाके बाजार के सैकडों गाव में दूध का उत्पादन होने लगा।सभी दूध को एकत्रित करने के लिए 45 दूध उत्पादन समिति बनायी गयी।जहा गाव के लोग दूध को पहुंचा देते हैं।वहा से तमाम दूध को स्टील के बडे-बडे पात्र में रखकर तीन एवं चार चक्के बाहन पर लादकर गया डेरी तक लेजाया जाता।किमत दूध के शुद्वता के आधार पर 22से 30रूपये प्रति लीटर तक दी जाती।अच्छा मुनाफा देख दिनों-दिन पशुपालकों की संख्या बढते ही जा रही है।एक पशुपालक 50-60गाय तक रखे हुए हैं।
समिति का नाम - कितना लीटर जाता दूध
प्रखंड-इमामगंज
1::मदसारी - 90 लीटर
2::पाकरडीह - 60 ''
3::कोकिल खाप - 80 ''
4::पकरी-गुरीया - 50 ''
5::बहेरा - 15 ''
6::चुआवार - 10 ''
7::गडेरिया - 15 ''
8::नगवा - 20 ''
9::कुंजेसर - 16 ''
10::बारा कला - 40 ''
11::वसुरा - 40 ''
12::वभण्डीह - 50 ''
13::सिद्वपुर - 20 ''
14::करासनकला - 10 ''
15::इमलीयाडीह -25 ''
16::भगहर - 10 ''
डुमरिया प्रखंड
17::माडरपर - 30 ''
18::भटवा-टेकरा - 20 ''
20::नंदई - 10 ''
बंके बाजार प्रखंड
21::भलुहार - 80 ''
22::मोनया - 150 ''
23::कोदवरीया - 100 ''
24::परसामा - 20 ''
25::सिमरेहट - 100 ''
26::लुटुआ - 40 ''
27::बलथरवा - 40 ''
28::शकरपुर - 20 ''
29::सिनपुर - 25 ''
30::डुमरामा - 30 ''
31::जमुआडा - 20 ''
32::धनेता - 40 ''
33::हरदीया - 30 ''
इन समितियों से प्रतिदिन सुबह-साम दूध मगध डेरी गया तक जाता है।फिलहाल कुछ समितिया आर्थिक तंगी के बजह दूध देना बंद कर दिए हैं।
क्या कहते पशुपालक
इमामगंज विधान सभा के पशुपालकों का कहना है कि गुजरात की तरह यहा भी दूध की क्रान्ति लाऐगें।

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