समाज में महिलाओं का दोयम दर्जा बरकरार
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निज प्रतिनिधि, बोधगया (गया): ऑक्सफैम इंडिया के कार्यक्रम प्रबंधक विधु प्रभा ने कहा कि यह सर्वविदित है कि सदियों से समाज में महिलाओं को दोयम दर्जा दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों मे दलित महिलाओं की स्थिति बहुत ही दयनीय है। बालविवाह, भेदभाव व पोषण की कमी से महिलाएं और भी हाशिये पर चली गई हैं। विधु प्रभा सोमवार को बोधगया के जीवन संघम में आयोजित 'दलित महिलाओं पर होने वाली हिंसा एवं शिकायत निवारण' पर जिला स्तरीय परिचर्चा को संबोधित कर रही थी।
उन्होंने कहा कि दलित महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा की खबरें लगातार सुनने और जानने को मिलती है। जबकि उनके शिकायतों पर सुनवाई और निवारण तंत्र तक उनकी पहुंच नहीं बन पाती। महिला जागरण केन्द्र की अध्यक्ष नीलू ने कहा कि बिहार में घरेलू हिंसा एवं कुप्रथा से संबंधित मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। जबकि प्रशासन-पुलिस इस तरह के घरेलू हिंसा पर रोक पाने में विफल है। और ऐसे मामले थाने में दर्ज नहीं किए जाते। सबसे बड़ी बात की इसके कानून और अधिकार के बारे में महिलाओं को भी पता नहीं है।
परिचर्चा में रूपेश जी, कौशल्या देवी, मनीषा, कैलाश प्रसाद ऋित्वज कुमार, परमेश्वर, रामदेव प्रसाद, बद्री पासवान सहित अन्य ने अपने विचार व्यक्त किए। वहीं, इस परिचर्चा में जिले के विभिन्न जगहों से आई दलित महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई। अंत में दलित महिलाओं के लिए पांच सूत्री प्रस्ताव पारित किए गए। परिचर्चा कोशिश चैरिटेबल ट्रस्ट व ऑक्सफैम इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित था।
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