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    फूलों की बारिश के बीच बिहार में प्रवेश होगा विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग, विराट रामायण मंदिर में होगा स्थापित

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 08:11 PM (IST)

    मोतिहारी में विश्व के सबसे ऊंचे शिवलिंग का आगमन हो रहा है, जिसे तमिलनाडु से लाया जा रहा है। यह शिवलिंग पूर्वी चंपारण जिले के विराट रामायण मंदिर में स्थापित होगा। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा इसका भव्य स्वागत किया जाएगा। मंदिर निर्माण कार्य भी तेज़ी से चल रहा है, ताकि नए साल में शिवलिंग की स्थापना की जा सके।

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    विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग

    संजय कुमार सिंह, मोतिहारी। रोम-रोम हर्षित है, पुलकित है। शिव के मंत्रों से मन अभिमंत्रित है। अवसर दुनिया के सबसे ऊंचे शिवलिंग के स्वागत का है, सो हर मन अपनी तैयारी में लगा है। सालों की प्रतीक्षा व श्रद्धा फलीभूत हुई है। 

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    तमिलनाडु के महाबलीपुरम से विगत 21 नवंबर को रवाना हुए शिवलिंग ने रविवार की शाम तक लगभग सौ किलोमीटर की यात्रा पूरी कर ली है। शिवलिंग को कैथवलिया तक लाए जाने में 25 से 30 दिन का समय लग सकता है। 

    पवित्र गंगा व शालीग्रामी (नारायणी) के जल से सिंचित बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत कैथवलिया में बन रहे दिव्य व भव्य विराट रामायण मंदिर में विश्व के सबसे ऊंचे (33 फीट) एवं 210 मीट्रिक टन वजनी इस शिवलिंग को स्थापित किया जाना है।

    इसकी कल्पना मात्र से लोगों को मन रोमांचित हो रहा है। इंतजार है, कब इस भव्य व दिव्य शिवलिंग का दर्शन होगा। महावीर मंदिर न्यास पटना के पीआरओ अजय कुमार जो स्वयं महाबलीपुरम में शिवलिंग को रवाना किए जाने के समय उपस्थित थे, ने कहा कि पूरे दस वर्षों में बनकर तैयार हुए इस शिवलिंग की यात्रा के साथ महावीर मंदिर पटना से गई लगभग 20 लोगों की टीम साथ चल रही है। उसे 96 पहियों वाले वाहन से लाया जा रहा है। काफिो के आगे स्कार्ट की टीम है। वहीं, सुरक्षा गार्ड वाहन को फालो कर रहे हैं।

    शिवलिंग को आने में लगेंगे 25-30 दिन

    शिवलिंग को यहां तक लाने में करीब 25 से 30 दिनों का समय लग सकता है। रास्ते में पड़ने वाले सभी पुल-पुलियों का सर्वेक्षण अभियंताओं की टीम द्वारा किया गया है। 

    शिवलिंग को होसुर, होसाकोट, देवनाहाली, कुरनूल, हैदराबाद, निजामाबाद, नागपुर, सीवनी, जबलपुर, मैहर, सतना, मिर्जापुर, आरा, छपरा, मसरख व केसरिया के रास्ते कैथवलिया तक लाया जाएगा। शिल्पकार लोकनाथ की टीम ने एक ही विशाल ग्रेनाइट पत्थर को तराश कर शिवलिंग को आकार दिया है। 

    पीआरओ ने बताया कि शिला इतना विशाल था कि उसे पहाड़ से निर्माण स्थल तक लाने के लिए कुल सात गांव के बीच से होकर नया रास्ता बनाना पड़ा था। इस शिवलिंग के निर्माण में करीब तीन करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

    बिहार में जगह-जगह होंगे दर्शन-पूजन

    शिवलिंग को लाए जाने के संबंध में महावीर मंदिर न्यास पटना के सचिव शायण कुणाल ने कहा कि भव्य व दिव्य शिवलिंग के दर्शन को लेकर लोगों में उत्साह है। बिहार में प्रवेश के साथ ही जगह-जगह काफिले का स्वागत पुष्पवर्षा के साथ किया जाएगा।

    श्रद्धालुओं की भीड़ जगह-जगह खड़ी होकर शिवलिंग का दर्शन-पूजन करेगी। उन्होंने बताया कि शिवलिंग का निर्माण बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व हो गया था। लेकिन, यात्रा का राजनीतिकरण न हो, इसलिए शिवलिंग को लाए जाने का कार्यक्रम चुनाव के बाद तय किया गया। 

    नए वर्ष में शिवलिंग को विराट रामायण मंदिर में स्थापित कर दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर के निर्माण कार्य को भी गति दी जा रही है।