बिहार में बन रहा विराट रामायण मंदिर, भगवान शिव की आराधना करते नजर आएंगे प्रभु श्रीराम
Virat Ramayan Temple Bihar: पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया गांव में विराट रामायण मंदिर बन रहा है, जो आध्यात्म और आस्था का केंद्र बन रहा है। यह मंदिर अ ...और पढ़ें

Lord Ram worshipping Shiva: अयोध्या व जनकपुर को जोड़ने वाले रामजानकी पथ पर आकार ले रहा विराट रामायण मंदिर।प्रतीकात्मक फोटो
संजय कुमार सिंह, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। Bihar mega temple project: पूर्वी चंपारण जिले में कल्याणपुर प्रखंड अंतर्गत कैथवलिया गांव विराट रामायण मंदिर के निर्माण संग अब आध्यात्म व आस्था का बड़ा केंद्र बनता दिखाई दे रहा है।
मंदिर को अपने आंगन में समेटने वाले कैथवलिया गांव से प्रभु श्री राम व देवी सीता के विवाह संस्कार का साक्षी सीताकुंड धाम भी इससे निकट है। यहां जनकपुर से जगतजननी सीता से विवाह कर प्रभु श्रीराम अयोध्या लौटते वक्त रूके थे।
कैथवलिया से सीताकुंड धाम की दूरी 20 किलोमीटर है। केशरनाथ महादेव की पावन धरती पर आकार ले रहा विराट रामायण मंदिर प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या को माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर से जोड़ने वाले रामजानकी पथ के किनारे स्थित है।
इस कारण इस मंदिर का महत्व और भी बढ़ा जाता है। श्रद्धालुओं के लिए यह आस्था का बड़ा केंद्र होगा। अयोध्या से जनकपुर आने-जाने वाले श्रद्धालु यहां रूककर मंदिर के दिव्य व भव्य स्वरूप का अवलोकन-दर्शन कर सकेंगे।
मंदिर में दिखेगी रामेश्वरम की छटा
श्री महावीर मंदिर न्यास पटना द्वारा तीन तलों वाले मंदिर का निर्माण कराया जा रहा है। खास बात यह है कि इस मंदिर में रामेश्वरम की छटा नजर आएगी। मर्यादा पुरूषोतम श्रीराम यहां पूजा की मुद्रा में बैठे दिखेंगे।
वे अपने अनुज लक्ष्मण के साथ सीता की याद में भगवान शिव की पूजा करते नजर आएंगे। उनके सामने 33 फीट ऊंचा शिवलिंग होगा। माता सीता का हरण कर रावण द्वारा लंका ले जाए जाने के बाद वानरी सेना के साथ वहां जाने से पहले प्रभु श्रीराम द्वारा रामेश्वरम में भगवान शिव की अराधना की गई थी। उस दृश्य को यहां जीवंत करने की कोशिश की जा रही है।
विराट रामायण मंदिर के एक हिस्से अशोक वाटिका में बैठी माता सीता भी नजर आएंगी। मंदिर परिसर में हरियाली के बीच चार आश्रम भी होंगे। पहले आश्रम में गुरु विश्वामित्र राम और लक्ष्मण के साथ होंगे। दूसरे आश्रम में भगवान राम के द्वारा अहिल्या के उद्धार को दर्शाया जाएगा। तीसरे में पंचवटी तथा चौथा आश्रम माता सबरी का होगा।
विश्व में सबसे ऊंचा होगा मंदिर
विराट रामायण मंदिर को दुनिया में प्रभु श्रीराम का सबसे ऊंचा मंदिर होने का गौरव प्राप्त होगा। अब तक के सबसे ऊंचे कंबोडिया के अंकाेरवाट मंदिर की ऊंचाई 222 फीट है। जबकि विराट रामायण मंदिर 270 फीट ऊंचा होगा।
यहां स्थापित किए जाने वाले शिवलिंग की ऊंचाई 33 फीट होगी, जो विश्व में सबसे बड़ा होगा। अब तक का सबसे बड़ा शिलविंग तमिलनाडु के तंजौर में 27.8 फीट ऊंचा है। तीन तलों वाले इस मंदिर में पहले तल की ऊंचाई 30 फीट तथा दूसरे व तीसरे तल की ऊंचाई 18-18 फीट होगी। परिसर में विभिन्न देवी-देवताओं के कुल 22 मंदिर हाेंगे। मंदिर परिसर का कुल क्षेत्रफल 120 एकड़ होगा।
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