Viraat Ramayan Mandir: विराट रामायण मंदिर लेने लगा आकार, 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा बनेगा; 12 शिखर होंगे
बिहार के पूर्वी चंपारण में बन रहा है विराट रामायण मंदिर जो कि आकार में 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें कुल 12 शिखर होंगे और मुख्य शिखर की ऊंचाई 270 फीट की होगी। मंदिर में भगवान भोलेनाथ का विशाल शिवलिंग भी स्थापित किया जाएगा। यहां जानिए इस भव्य मंदिर के निर्माण की अब तक की कहानी।

संवाद सहयोगी, कल्याणपुर (पूर्वी चंपारण)। बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में भी अयोध्या की तरह भव्य विराट रामायण मंदिर बनाया जा रहा है। इसमें भगवान भोलेनाथ के विशाल शिवलिंग की स्थापना की जाएगी। ऐसे में इसे बनाने के काम में तेजी लाई गई है।
24 घंटे चल रहा काम
जानकारी के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र के चकिया-केसरिया पथ पर कैथवलिया के पास विश्व के सबसे बड़े विराट रामायण मंदिर के दूसरे चरण का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। प्रथम मंजिला के लिए 24 घंटे कार्य चल रहा है।
तीन शिफ्ट में मजदूर काम कर रहे हैं। मंदिर का स्वरूप निखरने लगा है। इसका आकार 1080 फीट लंबा और 540 फीट चौड़ा होगा। इसमें 12 शिखर होंगे। मुख्य शिखर की उंचाई 270 फीट होगी।
विराट रामायण मंदिर को यहां बनाया जा रहा है।
रामनवमी से कर सकेंगे दर्शन
न्यास बोर्ड के सचिव सह विराट रामायण मंदिर के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने गुरुवार को फोन पर बताया कि वर्ष 2027 तक मंदिर के तीन मंजिले भवन का निर्माण पूर्ण कर लेने का लक्ष्य है।
वर्ष 2027 में रामनवमी के दिन लोग यहां स्थापित भगवान की प्रतिमा का दर्शन कर सकेंगे। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में बन रहे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग का निर्माण कार्य दो माह में पूरा होगा।
विराट रामायण मंदिर के लिए नींव और पिलर का काम तेजी से किया जा रहा है।
33 फीट ऊंचे शिवलिंग की होगी स्थापना
आचार्य कुणाल के अनुसार, यहां जो शिवलिंग स्थापित किया जाएगा, वह 33 फीट ऊंचा और 33 फीट चौड़ा होगा। इसके अलावा सहस्त्रलिंगम में 1008 शिवलिंग होंगे।
बड़े शिवलिंग को तमिलनाडु से यहां लाने के लिए चकिया से कैथवलिया तक करीब 12 किमी मजबूत सड़क बनाए जाने की भी जरूरत होगी।
पूरा बनने के बाद कुछ इस तरह नजर आएगा विराट रामायण मंदिर।
सड़क बनाने के लिए डीएम से हुई बात
इधर, आचार्य कुणाल ने बताया कि चकिया से कैथवलिया तक सड़क बनाने के लिए डीएम और बिहार सरकार के अधिकारियों से बात हुई है। कुणाल ने कहा कि महाबलीपुरम से शिवलिंग लेकर आने वाली गाड़ी की गति पांच किमी प्रतिघंटा होगी।
उस गाड़ी को प्रतिदिन 45 किमी चलने की अनुमति होगी। मंदिर परिसर में शिंवलिग स्थापित करने के लिए क्रेन भुज से मंगाई जाएगी। गुजरात की प्रतिष्ठित कंपनी त्रिवेदी कार्प के सीएमडी किरण भाई त्रिवेदी के नेतृत्व में टीम यहां का दौरा कर चुकी है।
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