'लालू जी का खून है मेरे अंदर...उनका बेटा होने पर गर्व', मोतिहारी से तेजस्वी ने पीएम मोदी पर साधा निशाना
मोतिहारी में संविधान सुरक्षा सम्मेलन में तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद के पुत्र होने पर गर्व जताया और कहा कि वोट राज का मतलब छोट का राज है। उन्होंने मोदी सरकार पर समाज के अंतिम व्यक्ति के अधिकारों को छीनने का आरोप लगाया। मुकेश सहनी ने इस दौरान लालू यादव की जमकर तारीफ की। दीपंकर भट्टाचार्य ने वोट डालने के अधिकार को खतरे में बताया और चिंता व्यक्त की।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी। स्वयं को लालू प्रसाद का पुत्र होने पर गर्वित होने की बात कहते हुए बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने मोतिहारी के राजा बाजार स्थित महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में गुरुवार को आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में वीपी मंडल, कर्पूरी ठाकुर, जगदेव प्रसाद व लोहिया के प्रसंगों की याद दिलाते हुए कहा- वोट राज का मतलब छोट का राज।
समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्य धारा में लाने के लिए यहां संविधान सुरक्षा सम्मेलन का आयोजन किया गया है। लक्ष्य है संविधान पर चर्चा करना। सामाजिक न्याय पर चर्चा करना। यानी लगभग दलित, पिछले, अतिपिछड़े, आदिवासी समाज के जो लोग हैं। जो समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति हैं, उनको समाज की मुख्य धारा में लाया जाए।
आज मोदी जी क्या कर रहे हैं। इलेक्शन कमीशन क्या कर रहा है। कैसे इसे छीनना चाह रहा। आपके अधिकार को ही नहीं आपके अस्तित्व को ही मिटाना चाहते हैं। ये लोग आपको गुलाम बनाकर रखना चाहते हैं। ये लोग सबके लिए वही दौर लाना चाहते हैं। महागठबंधन के रहते ऐसा नहीं होगा।
'वोट का राज मतलब छोट का राज'
लोहिया जी कहते थे वोट का राज मतलब छोट का राज। तेजस्वी ने वोट चोरी के आरोपों को दोहराते हुए कहा कि ये आपको गुलाम बनाना चाहते हैं। हम ऐसा नहीं होने देंगे। जगदेव बाबू कहते थे पहली पीढ़ी गोली खाएगी, दूसरी पीढ़ी जेल जाएगी, तीसरी पीढ़ी राज करेगी। मुझे गर्व है कि हम लालू जी के पुत्र है। 1990 में लालू जी को कैसा बिहार मिला था। छुआछुत था, भेदभाव था।
आज किसी माई के लाल में दम नहीं जो अंगुली उठा सके। तवे पर एक ही तरफ से रोटी पकते-पकते जल जाती थी। उस रोटी को लालू जी ने पलट दिया। किसी का विरोध नहीं किया। इसके बदले उनपर मुकदमे हुए जेल जाना पड़ा।
मंडल कमीशन को वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे तब लालू किया गया उसे भाजपा ने रोका। भाजपा कमंडल लेकर आई। बिहार में लालू जी ने आडवाणी को उनके सही जगह जेल में बिहार में रखवाया। लालू जी इसके बदले जेल गए। दुष्प्रचार किया गया।
आज भाजपा की मजबूरी है कि पिछड़े को मुख्यमंत्री को बनाना पड़ रहा है। ये लालू जी की देन हैं। हम तो अपने चाचा नीतीश को बोलना चाहते हैं कि आज वो मुख्यमंत्री है तो लालू जी की देन हैं। लालू और हमारी पार्टी राजद आजतक भाजपा के सामने नहीं झुकी है, कितने मुकदमे हुए।
मेरे राजनीतिक भ्रूण की हत्या करने की कोशिश की गई। ये लोग भूल गए कि लालू जी का खून है मेरे अंदर। जब लालू जी नहीं झुके तो उनका लड़कवा कहां डरेगा।
भाजपा के लोग कर्पूरी जी को गाली देते हैं
आज वहीं भाजपा के लोग कर्पूरी जी को गाली देते हैं। ये वहीं सामाजिक न्याय की ताकत है कि ये लोग कर्पूरी जी को भारत रत्न दे रहे हैं। अब ये है कि एक होइए नहीं तो ये लोग अस्तित्व मिटा देंगे।
लोगों का समर्थन मांगते हुए कहा- ये लोक लोकतंत्र को समाप्त कर राजतंत्र स्थापित करना चाहते हैं। आपको लोकतंत्र चाहिए तो इन बेईमानों को हटाना होगा।
हमारी सरकार बनेगी तो मंडल कमीशन लागू करेंगे। अबतक चार से पांच प्रतिशत लागू हुई है। हम उसे सौ प्रतिशत लागू करेंगे। 85 प्रतिशत आरक्षण बढ़ा देंगे। तमिलनाडु की तर्ज पर आरक्षण लागू करने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बोलते हुए तेजस्वी ने कहा- हमारे चाचा इतना पलटी मारे कि उनका दिमाग ही चकरिया गया। चाचा फंस गए हैं। एक हाथ मोदी जी ने पकड़ा है दूसरा अमित शाह ने। जैसे-जैसे डोरी चल रही नीतीश जी चल रहे हैं। नीतीश जी अब वो नहीं हैं जिन्होंने सामने से थाली खींच लिया था।
हमारे प्रयास से पांच लाख नौकरी मिली। बिहार में 94 लाख ऐसी आबादी है जिनकी आमदनी छह हजार से कम है। हम ऐसे परिवारों को दो लाख रुपया देंगे। भाजपा को सामाजिक न्याय का क, ख, ग पता नहीं। वो क्या हमलोगों को क्या सामाजिक न्याय पढ़ाएंगे।
लालू प्रसाद यादव ने जमीन पर बैठने वाले को कुर्सी पर बैठाया: मुकेश सहनी
विकासशील इंसान पार्टी के सुप्रीमो मुकेश सहनी ने मोतिहारी के महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में गुरुवर को प्रधानमंत्री पर सीधा हमला करते हुए वोट चोरी के आरोपों को दोहराया।
मुकेश सहनी ने वोटर अधिकार यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा पहले अंग्रेज राज करता था। 175 साल बाद आजादी मिली। बाबा साहेब ने संविधान दिया। हम आज जहां पहुंचे हैं ये उनकी देन है। जननायक कर्पूरी ठाकुर ने आवाज दी। लालू प्रसाद यादव ने जमीन पर बैठने वाले को कुर्सी पर बैठाया। यदि वो कुर्सी पर नहीं बैठाते तो आज मल्लाह का बेटा इस तरह से मंच से ऊंची नहीं बोल रहा होता।
बाबा साहेब के संविधान में नेता को पांच साल इसलिए दिया गया कि पांच साल में यदि नेता जनता की उम्मीद पर खरा नहीं होंगे तो जनता नेता को गद्दी से उतारने का काम करेगी।
आजादी के बाद 2014 तक भला-बुरा सभी राजनेता यहीं डर कर यहीं सोच इस देश के लिए काम किया। 2014 में मोदी जी आए अच्छे दिन लाने का वादा किए। हर युवा को नौकरी देने को कहा। विदेश से काला धन लाने लाने की बात की। हर भारतीय के खाते में 15-15 लाख देने का वादा किया।
उन्होंने ऐसा नहीं किया। वो सिर्फ घोषणा तक रह गए। लेकिन उनको पता है कि वो आपके वोट से नहीं वोट की चोरी से प्रधामंत्री बने हैं। वोट के अधिकार की कर रहे हैं। आप वोट दे या न दें वो सरकार में रहेंगे।
महाराष्ट्र में वोट को बढ़ाकर वो बिहार में भी वोट घटाकर जीतना चाहते हैं। सभी गांव-गांव में घुमिए और सर उठाकर जीने की दिशा में आगे बढ़िए।
वोट डालने का अधिकार खतरे में : दीपंकर
भारत की कम्युनिस्ट के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मोतिहारी में आयोजित संविधान सुरक्षा सम्मेलन में संविधान व बाबा साहेब की बातों की याद दिलाते हुए गुरुवार को कहा है कि आज वोट डालने का अधिकार खतरे में है।
संविधान में हमें शुरू से वोटिंग राइट मिला। इसके लिए कई देशों में संघर्ष करना पड़ा। गरीब व अमीर सबके लिए एक वोट। उसी समय बाबा साहेब ने एक बात कही कि ये जो वोट की बराबरी तब सार्थक है जब सामाजिक आर्थिक बराबरी हो।
ऐसा नहीं होने पर एक ऐसा समय आएगा जब वोट की बराबरी का मतलब नहीं रह जाएगा। आज वोट की बराबरी मिली। सामाजिक नहीं। बाबा साहेब ने कहा था- संविधान अच्छा है, लेकिन उसे चलाएगा कौन। बहुत अच्छा संविधान लिख दिया जाए और उसको चलाने वाला अच्छा नहीं हो तो एक अच्छे संविधान से भी गलत परिणाम निकाला जा सकता है।
आज हमारे सामने बाबा साहेब की चेतावनी प्रासंगिक है। हमारे वोट की बराबरी है, लेकिन सामाजिक बराबरी नहीं मिली। सामाजिक बराबरी की बात होनी चाहिए। आर्थिक बराबरी की बात होनी चाहिए। आज तो देश में ऐसा अडानी-अंबानी का राज आ गया कि देश में मुट्ठी भर पूंजीपतियों के हाथ में पूरे देश की तमाम संपत्ति देश का तमाम इनकम उन्हीं के हाथ में चला जाता है।
ये जो संविधान के लिए बड़ा खतरा है। किसके हाथ में संविधान चला गया। उनलोगों के हाथ में संविधान चला गया जिन लोगों ने संविधान पारित होने के समय 1949 में मुख्य पत्र आर्गेनाइजर के संपादकीय में विरोध किया। खुलकर लिखा ये संविधान हम मानते ही नहीं। ये भारतीय है ही नहीं।
ये विदेशी संविधान है। मनु स्मृति ही हिन्दुस्तान का असली संविधान है। आज उनके हाथ में आज सत्ता है। आज हम देख रहे हैं हर रोज कैसे संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं। उसकी हत्या कर रहे हैं। ऐसी विपरीत परिस्थिति में उनसे लड़ना है। महाराष्ट्र, हरियाणा और 2024 के चुनाव में वोट चोरी की बात सामने आई है।
बिहार क्रांति की भूमि है हमें ऐसी किसी भी साजिश को इस बार के चुनाव में सफल नहीं होने देना है। सम्मेलन में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम, राज्य सभा सदस्य मनोज झा, संजय यादव, कांग्रेस नेता शकील अहम खां आइएनडीआइए गठबंधन के सभी जिलाध्यक्ष, विधायक व अन्य नेता उपस्थित रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।