26 प्रखंडों में कालाजार की दवा का छिड़काव अगस्त में
मोतिहारी। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जिलास्तरीय टास्

मोतिहारी। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा जिलास्तरीय टास्क फोर्स (कालाजार) से संबंधित पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी द्वारा कालाजार केस का स्टेटस 2015 से 2022 तक के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि जिले भर में वर्ष 2015 में 353 केस, 2016 में 277, 2017 में 191, 2018 में 177, 2019 में 107, 2020 में 69, 2021 में 52 एवं 2022 में 29 केस हुए। यह आंकड़ा बता रहा है कि कालाजार के केस में लगातार कमी हुई है। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण, पदाधिकारी द्वारा यह भी बताया गया कि जिला स्तर पर सभी कालाजार के मरीजों का लगातार फॉलोअप किया जा रहा है। साथ ही सभी कालाजार मरीजों का मुफ्त जांच एवं इलाज के साथ-साथ मरीजों को श्रम क्षतिपूर्ति की राशि का भुगतान भी किया जा रहा है। प्रत्येक कालाजार मरीज को 6600 रुपये मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना एवं 500 रुपये भारत सरकार की तरफ से कुल 7100 की राशि दिए जाने का प्रावधान है। जिले भर में कुल 26 प्रखंडों में कालाजार नियंत्रणार्थ छिड़काव अगस्त माह में प्रस्तावित है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि जिले भर में कालाजार से नियंत्रण हेतु दवा का छिड़काव सुनिश्चित किया जाए। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. अंजनी कुमार जिला आपूर्ति पदाधिकारी पीके झा, डीआईओ, जिला शिक्षा पदाधिकारी, संजय कुमार, जिला पंचायती राज पदाधिकारी सादिक अख्तर आदि उपस्थित थे।
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इनसेट : पुराने पेड़ों की सुरक्षा के लिए तैयार करें प्लान
जासं, मोतिहारी : जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली अंतर्गत गार्जियंस ऑफ चंपारण पुराने वृक्ष की सुरक्षा हेतु जिला स्तरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा, कृषि, जीविका, पंचायती राज विभाग आदि पुराने वृक्ष के संरक्षण हेतु व्यापक पैमाने पर कार्य सुनिश्चित करेंगे। कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षकगणों, किसान भाइयों को इस अभियान से जोड़कर पुराने विशाल वृक्षों की सुरक्षा प्रदान की जाए। कहा कि सभी संबंधित विभाग अपने स्तर से कम्युनिकेशन प्लान एवं कैलेंडर ऑफ एक्टीविटी के अनुसार पुराने वृक्ष की सुरक्षा हेतु कार्यक्रम निर्धारित करेंगे। जिले भर में अभी तक 12300 पुराने वृक्षों का जिओ टैग हो जा चुका है। साथ ही 59800 पुराने वृक्षों का लोगों ने आनरशीप ली है। डीएम ने कहा कि पुराने वृक्ष हमारे पूर्वजों के धरोहर हैं। पुराने वृक्ष पर जीव-जंतुओं एवं पक्षियों का बसेरा होता है। पुराने वृक्षों के संरक्षण से इको सिस्टम दुरुस्त होंगे एवं पर्यावरण संतुलित रहेगा। इस अवसर पर अपर समाहर्ता आपदा अनिल कुमार, निदेशक डीआरडीए राकेश रंजन, डीपीओ मनरेगा अमित कुमार उपाध्याय, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी आदि उपस्थित थे।
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