शास्त्री ने दिया था 'मरो नहीं मारो' का नारा
शहर के कॉलेज रोड स्थित भारतीय युवा कांग्रेस ने निजी विद्यालय में भारत-रत्न स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 54 वीं पुण्यतिथि पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का नेतृत्व बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव सह गोपालगंज प्रभारी प्रो. अखिलेश दयाल ने किया।
रक्सौल । शहर के कॉलेज रोड स्थित भारतीय युवा कांग्रेस ने निजी विद्यालय में भारत-रत्न स्वतंत्र भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की 54 वीं पुण्यतिथि पर माल्यार्पण किया। कार्यक्रम का नेतृत्व बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के महासचिव सह गोपालगंज प्रभारी प्रो. अखिलेश दयाल ने किया। प्रदेश महासचिव ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा श्री शास्त्री का जीवन बचपन से ही देश की सेवा के लिए समर्पित था ।1920 में वे स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े । उनका योगदान 1921 के असहयोग आंदोलन, 1930 के सविनय अवज्ञा आन्दोलन, 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में सराहनीय था। असहयोग आंदोलन के दौरान जेल भी गये । देश के क्रांतिकारी युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने 'मरो नहीं मारो' का नारा बुलंद किया था । प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने सर्वप्रथम अपने कार्यकाल में श्वेत क्रांति, आंदोलनकारियों पर लाठी की जगह पानी की बौछार, महिलाओं के लिए परिवहन में आरक्षण आदि के साथ-साथ 'जय जवान जय किसान' का नारा बुलंद किया था । उनका कहना था कि देश की संपत्ति का खर्च निजी स्वार्थ के लिए नहीं होना चाहिए। क्योंकि देशहित में किसान और नौजवान को सशक्त बनाना ही नये भारत का निर्माण करना है । उक्त कार्यक्रम में प्राचार्य अमरूल हक, ईश्वरचंद्र प्रसाद, उपेंद्र साह, प्रकाश पांडेय, प्रेम कुमार, अवधेश कुमार यादव, रंजीत श्रीवास्तव, दीपेंद्र गोस्वामी, साहिद अख्तर, लक्की श्रीवास्तव, पूजा कुमारी, सुष्मिता, चेतन स्वामी, कनिष्क फातमी, वसीमा कमरूद्दीन, गुफरान, सोनू कुमार, प्रिया कुमारी, भोला सिंह, सहित अनेकों युवा उपस्थित थे ।
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