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    नहीं रही सलोनी : झपटमार ने छीन ली होनहार बिटिया की जिंदगी, दारोगा बनने की ख्वाहिश रह गई अधूरी

    Bihar Crime News बिहार के पूर्वी चंपारण जिले की होनहार बिटिया जिंदगी की जंग हार गई। मोबइल झपटमार गिरोह का शिकार हुई सलोनी कुमारी ने शुक्रवार सुबह पटना में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। बिटिया की मौत की खबर आने के बाद उसके गांव में मातम छाया हुआ है। होनहार सलोनी कुमारी दारोगा भर्ती परीक्षा के लिए तैयारी कर रही थी।

    By Vijay Giri Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 22 Dec 2023 06:20 PM (IST)
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    नहीं रही सलोनी : झपटमार ने छीन ली होनहार बिटिया की जिंदगी, दारोगा बनने की ख्वाहिश रह गई अधूरी

    संवाद सहयोगी, पलनवा/पूच। अंततः जिंदगी से जंग हर गई सलोनी! सलोनी कुमारी की मौत उपचार के दौरान शुक्रवार की सुबह पीएमसीएच पटना में हो गई। उंचीडीह निवासी प्रमोद पांडेय की पुत्री सलोनी पिछले रविवार को दरोगा की परीक्षा देने तुरकौलिया जा रही थी।

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    इसी बीच सुगौली रेलवे स्टेशन पर झपटमार गिरोह का सदस्य इसका मोबाइल छीनकर भागने लगा, मोबाइल बचाने के चक्कर में चलती ट्रेन के नीचे गिर गई, जिससे उसका एक हाथ व एक पैर कट गया था।

    सुगौली पीएचसी से किया था रेफर

    सुगौली रेल पुलिस व जीआरपी पुलिस ने उपचार हेतु सुगौली पीएचसी में भर्ती कराया, फिर वहां से बेहतर उपचार के लिए मोतिहारी रेफर कर दिया गया। इसके बाद मोतिहारी से उसे पटना पीएमसीएच भेज दिया गया था। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।

    पिता किसान और मां वार्ड सदस्य

    मृतका सलोनी के पिता प्रमोद पांडेय खेतीबाड़ी कर अपने परिवार की परवरिश करते हैं। सलोनी की मौत की खबर से पूरे गांव में मातमी सन्नाटा छा गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। प्रमोद पांडेय की पत्नी रीना देवी उंचीडीह वार्ड नम्बर 5 की वार्ड सदस्य हैं।

    काफी मेधावी थी सलोनी

    सलोनी ने मैट्रिक की पढ़ाई रघुनाथपुर उच्च विद्यालय व बीए की पढ़ाई रक्सौल महाविद्यालय से की थी। सलोनी कुमारी के दो भाई हैं। सलोनी से छोटा भाई सुभम पांडेय मैट्रिक का छात्र है।

    वहीं, दूसरा भाई सौरभ पांडेय 8 वीं वर्ग में पढ़ाई करता है। शुरू से ही पढ़ाई-लिखाई में सलोनी काफी मेघावी थी। वह हर हाल में सरकारी नौकरी पाकर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहती थी।

    अरमानों पर फिरा पानी

    सलोनी की मौत ने परिजनों के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया। बड़ी लड़की होने के कारण परिवार की जिम्मेदारी वह खुद उठाना चाहती थी। इस बार दरोगा के परीक्षा के लिए उसने जमकर तैयारी की थी।

    गरीब पिता के सपने को साकार करने के साथ-साथ भाइयों को भी उच्च शिक्षा देने का मन में सपना संजोए हुए थी। हाथ व पैर कट जाने के बाद भी 6 दिन तक जिंदगी और मौत से जंग लड़ती रही। अंततः जिंदगी से जंग हार गई।

    घटना के बाद गांव में मातमी सन्नाटा छा गया है। सबके मुंह से एक ही बात निकल रही है, हे भगवान ये तूने क्या किया? मृतका का पटना में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। वहीं, ग्रामीण शव आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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