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    Bihar Politics: नीतीश नहीं, इस कद्दावर नेता के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं प्रशांत किशोर; दिए साफ संकेत

    Updated: Thu, 06 Mar 2025 08:18 PM (IST)

    जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर उनकी पार्टी को आगामी बिहार चुनाव में सफलता मिली तो अगले दस वर्षों में बिहार को अग्रणी राज्य बनाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पार्टी ने फैसला किया तो वो राघोपुर से चुनाव लड़ सकते हैं। पीके ने सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारने और सरकारी नौकरी में बिहारी छात्रों को प्राथमिकता देने का वादा किया।

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    तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं प्रशांत किशोर। पीटीआई

    संवाद सहयोगी, मोतिहारी। जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) में सफलता मिली तो अगले दस सालों में बिहार को अग्रणी राज्यों में लाया जाएगा। इसके लिए पार्टी ने ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। वो गुरुवार को शहर से सटे चंद्रहिया स्थित होटल रूद्रा में पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।

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    वहीं, चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी का निर्णय हुआ तो राघोपुर से चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि राघोपुर तेजस्वी यादव की सीट है। अगर प्रशांत किशोर ने तेजस्वी के खिलाफ उतरने का एलान किया तो बिहार में सियासी भूचाल आना तय है!

    शिक्षा पर प्रशांत किशोर ने क्या कहा?

    प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर जन सुराज की सरकार बनी तो सरकारी विद्यालयों की स्थिति सुधारेंगे। जबतक सरकारी विद्यालयों के हालात नहीं सुधरेंगे लोगों को अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में पढ़ाने की सुविधा दी जाएगी। तबतक निजी विद्यालयों का फीस उनकी सरकार वहन करेगी।

    प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर सरकार बनी तो दो तिहाई बिहारी छात्रों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने शराबबंदी कानून पर भी अपनी बात रखी।

    'शराबबंदी कानून से जनता को लाभ नहीं हुआ...'

    पीके ने कहा, जन सुराज की सरकार बनी तो तत्काल शराबबंदी कानून को खत्म कर दिया जाएगा। शराबबंदी कानून से जनता का भला नहीं हो रहा है। उल्टा गरीब लोग जेल भेजे जा रहे हैं। अवैध रूप से शराब की तस्करी की जा रही है।

    प्रशांत किशोर ने जदयू और भाजपा पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, विधानसभा चुनावों में अगर एनडीए को जीत मिलती भी है तो यह तय है कि भाजपा उनको (नीतीश कुमार) मुख्यमंत्री नहीं बनाएगी। लालू के शासनकाल में अपराधी हावी थे, जबकि नीतीश सरकार में अफसरशाही हावी है।

    पीके ने यह भी कहा कि बिहार सीएम मानसिक रूप से बीमार हैं, उनकी स्वास्थ्य जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। वहीं, एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि पार्टी बिहार में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। न तो चुनाव के पहले, ना ही चुनाव के बाद उनकी पार्टी किसी भी दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।

    'बिहार में भूमि सर्वेक्षण रुकना चाहिए'

    बेतिया राज की जमीन को लेकर पार्टी में चर्चा चल रही है। अधिग्रहण कानून सही नहीं है। प्रभावित लोगों को साथ लेकर जल्द ही आगे की रणनीति तय करेंगे। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि भूमि सर्वेक्षण रुकना चाहिए। इसकी जगह पर भूमि सुधार कानून लाना चाहिए। मौके पर अधिवक्ता कुमार अमित, पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना, डॉ. मंजर नसीम आदि उपस्थित थे।

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