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    योगिनी एकादशी पर ब्रह्मालीन देवराहा बाबा सरकार का पंचगव्य अभिषेक के साथ श्रृंगार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 25 Jun 2022 12:04 AM (IST)

    ब्रह्मालीन योगीराज श्री देवराहा बाबा गुरुकुल आश्रम सेवा परिषद में योगिनी एकादशी पर परम पूज्य ब्रह्मालीन देवराहा बाबा की पुण्यतिथि मनाई गई। आश्रम परिसर में 24 घंटे का अष्टयाम शुरू हुआ।

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    योगिनी एकादशी पर ब्रह्मालीन देवराहा बाबा सरकार का पंचगव्य अभिषेक के साथ श्रृंगार

    मोतिहारी । ब्रह्मालीन योगीराज श्री देवराहा बाबा गुरुकुल आश्रम सेवा परिषद में योगिनी एकादशी पर परम पूज्य ब्रह्मालीन देवराहा बाबा की पुण्यतिथि मनाई गई। आश्रम परिसर में 24 घंटे का अष्टयाम शुरू हुआ। इधर बाबा सरकार की प्रतिमूर्ति का पंचगव्य से अभिषेक, भव्य श्रृंगार व आरती में श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसके उपरांत भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। आश्रम अध्यक्ष विनय कुमार शर्मा ने बताया कि 19 जून 1990 को योगिनी एकादशी के दिन आकाश में काले बादल छा गए थे। तेज आंधी व तूफान लेकर यमुना की लहरों की उछाल बाबा की मचान तक पहुंचने लगी और इन्हीं सबके बीच शाम चार बजे बाबा का शरीर स्पंद रहित हो गया। भक्तों की अपार भीड़ भी प्रकृति के साथ हाहाकार करने लगी। बाबा के शरीर को यमुना मैया की गोद में दे दिया गया। पूज्य देवराहा बाबा का समय-समय पर दर्शन कर अपने को कृतार्थ अनुभव करने वाले भक्तों ने आश्रम में उपस्थित होकर पूजा-अर्चना की। उनका साक्षात दर्शन किए भक्तों में आश्रम के सह सचिव राम भजन ने बताया कि बाबा का पूरा जीवन मचान में ही बीता। लकड़ी के चार खंभों पर टिकी मचान ही उनका महल था। जहां नीचे से ही लोग उनके दर्शन करते थे। जल में वे साल के आठ महीने बिताते थे। दर्शन के लिए आने वाले सभी भक्तों को प्रसाद अवश्य देते थे। उनके आसपास आश्रम में उगने वाले बबूल के पेड़ों में कांटे नहीं होते थे। बाबा जल पर चलते भी थे। अपने किसी भी गंतव्य स्थान पर जाने के लिए उन्होंने कभी सवारी नहीं की। कभी अन्न ग्रहण नहीं किया। दूध और शहद पीकर जीवन गुजार दिया। योग विद्या पर उनका गहन ज्ञान था। बाबा की ख्याति इतनी थी कि जार्ज पंचम जब भारत आए तो अपने पूरे लाव लश्कर के साथ बाबा का दर्शन किया। डा. राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय, पुरुषोत्तम दास टंडन, जवाहरलाल नेहरू ने भी दर्शन किया था। अपने आप में अद्भुत हैं महान योगी देवराहा बाबा। गुरुकुल आश्रम में कार्यक्रम को सफल बनाने में आश्रम सचिव डा. जय गोविद प्रसाद, रंजीत कुमार, दिलीप केसरी, कार्यक्रम संयोजक कन्हैया प्रसाद अधिवक्ता, देवेश शांडिल्य, अजय कुमार, रामचंद्र प्रसाद, डा. शंभू प्रसाद, भजन गायक सुरेश यादव, निकेश कुमार, सुधीर कुमार, जयप्रकाश पांडे सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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