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    महिला रोजगार योजना में जीविका की बड़ी उपलब्धि, पूर्वी चंपारण को मिली सबसे अधिक राशि

    By Satyendra Kumar Jha Edited By: Ajit kumar
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 04:58 PM (IST)

    Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana: रोजगार के प्रति महिलाएं सजग हैं। सरकार की ओर से महिलाओं को जो पैसे दिए गए हैं उससे व्यवसाय कर रही हैं। मुर्गी पालन, ...और पढ़ें

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    कुल 772 करोड रुपये की राशि का अंतरण किया जा चुका है। प्रतीकात्मक फोटो

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। Jivika scheme Bihar: पूर्वी चंपारण में जीविका की सशक्त ताकत के कारण न केवल उनकी संख्या में वृद्धि हुई बल्कि मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत सूबे से सबसे अधिक राशि प्राप्त करने वाला जिला भी बन गया है।

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    बता दें कि जीविका यहां पहले से मजबूत स्थिति में रहीं हैं। सूबे का पहला जीविका भवन का निर्माण करने का गौरव भी जिले को प्राप्त है। ग्रामीण स्तर पर जीविका समूह से जुड़कर पूर्व में भी रोजगार व अन्य धंधे कर रही थी।

    अब मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना का भी लाभ उन्हें मिला है, जो पूर्व के रोजगार को मजबूत करने के साथ बेहतरी के मार्ग पर ले जाएगा। इसके अलावा जो महिलाएं नई जुड़ी हैं वे पूर्व से जुड़ी महिलाओं से सीख लेते हुए बेहतरी के मार्ग पर चलने के लिए रोजगार के प्रति सजग हुईं हैं।

    छोटे-छोटे रोजगार के प्रति महिलाएं हुईं सजग

    मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत जीविका से जुड़ी महिलाओं को दस-दस हजार रुपये मिलने के बाद वे इस राशि को छोटे-छोटे रोजगार में लगाकर बेहतर करने के प्रयास में जुटी हैं। जीविका की महिलाएं इससे पूर्व भी कई क्षेत्रों में रोजगार कर रही हैं।

    समूह में जुड़कर स्वरोजगार करने के प्रति वे पूर्व से प्रशिक्षित भी हैं। छोटे-छोटे रोजगार कर भी रही हैं। गांव में परचून व किराना दुकान, बकरी पालन, मुर्गी पालन, सिलाई-कटाई, पौधशाला, दीदी की रसोई समेत दर्जनों कार्य में वे पहले से जुड़ी भी हैं। जो महिलाएं किसी व्यवसाय से नहीं जुड़ी हैं उनके लिए सरकार ने एक अवसर भी दिया है, जिससे वे अन्य महिलाओं की तरह आत्मनिर्भर बनने की राह पर चल सकें।

    सुगौली की उर्मिला कहतीं हैं कि सरकार की इस सहायता छोटा ही सही व्यवसाय को आधार बनाने में सहायक साबित हो रहा है। इस राशि से वह बकरी पालन करेंगी। इससे मिले लाभ को अर्जित कर इसे बढ़ाने की दिशा में कार्य करेगी।

    रामगढवा की पार्वती, सुमित्रा व सीमा देवी ने कहा कि उनकी रूचि सिलाई में है। इस कारण एक मशीन की खरीदारी कर घर से ही इस कार्य को प्रारंभ कर दिया है। इसका लाभ भी उन्हें मिलने लगा है। लंबे समय से सिलाई मशीन खरीदने की सोंच रही थी, पर राशि के अभाव में नहीं खरीद पा रही थी।

    7.72 लाख महिलाओं को मिली है राशि

    रोजगार को लेकर महिलाओं में जागरूकता इसलिए भी अधिक है कि आगे अगर वह बेहतर करेंगी तो दो लाख रुपये तक और सहायता मिल सकता है। इस कारण पहली किस्त दस हजार का उपयोग के प्रति सजग हैं। जिले में अब तक 7.72 लाख महिलाओं को कुल 772 करोड रुपये की राशि का अंतरण किया जा चुका है।