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    Motihari: श्रावणी मेला की तैयारी शुरू, गेरुआ वस्त्र से सजे बाजार; महाकाल लिखे शर्ट व टी-शर्ट की डिमांड ज्‍यादा

    By Shashi Bhushan KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 12:41 AM (IST)

    Shravani Mela Motihari इस बार सावन 59 दिनों का है। चार जुलाई से शुरू होकर यह 31 अगस्त तक रहेगा। सावन को लेकर जिले के सभी शिव मंदिरों में इसको लेकर तैय ...और पढ़ें

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    Motihari: श्रावणी मेला की तैयारी शुरू, गेरुआ वस्त्र से सजे बाजार; महाकाल लिखे शर्ट व टी-शर्ट की डिमांड ज्‍यादा

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी: सावन का महीना भोलेनाथ को अतिप्रिय है। इस बार सावन 59 दिनों का है। चार जुलाई से शुरू होकर यह 31 अगस्त तक रहेगा। सावन को लेकर जिले के सभी शिव मंदिरों में इसको लेकर तैयारी शुरू हो गई है।

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    सावन को लेकर गेरुआ वस्त्रों व कांवड़ सहित पूजा सामग्री की दुकानें सजने लगी है। इसके साथ हीं महिलाओं के लिए हरी चूड़ी व साड़ियां भी बाजार में पहुंच गई है।

    दुकानदारों ने इसे डिस्प्ले करना भी शुरू कर दिया है। हिंदी बाजार स्थित थोक मंडी में कांवड़, पूजन सामग्री, वस्त्र, झोला आदि की दुकानों पर खुदरा दुकानदारों की भीड़ खरीदारी को लेकर दिन भर देखी जा रही है।

    शृंगार प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ देखी जा रही है। हिंदी बाजार स्थित परी शृंगार भंडार की संचालिका रानी जायसवाल ने बताया कि सर्वाधिक मांग हरी चूड़ियों की है।

    इसको लेकर उन्होंने विभिन्न वेरायटी की चूड़ियों का भंडारण किया है। वहीं, लहठी सामान्य से उच्च कोटी के उपलब्ध है, जिसकी शुरुआती कीमत 150 से 500 रुपये तक है। वहीं कपड़ा व्यवसायी राम भजन ने बताया कि हरे रंग की साड़ियों व सलवार सूट सभी रेंज में उपलब्ध है।

    300 रुपये से शुरू है कांवड़ का मूल्य

    दुकानदार उमेश कुमार, आदित्य कुमार आदि बताते हैं कि बाबाधाम जानेवाले कांवड़ियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण कांवड़ होता है। जिला मुख्यालय स्थित मीना बाजार, द्वारदेवी स्थान स्थित दुकानों में कांवड़ सज गए है।

    बाजार में कांवड़ 300 रुपये से मिल रहे है। कांवड़ में लगाई जानेवाली घंटी 40 से 70 रुपये में और प्लास्टिक का जलपात्र 25 से 65 रुपये में उपलब्ध है।

    इसके अलावा प्लास्टिक के सर्प, त्रिशुल, ओम आदि सामग्रियों की भी डिमांड खूब है। इन सामग्रियों का इस्तेमाल कांवड़ को सजाने में किया जाता है। इन सब के बीच स्टील या पीतल का अगरबत्ती स्टैंड कांवड़ में लगवाए जा रहे हैं।

    महाकाल लिखा शर्ट व टी-शर्ट की है सर्वाधिक डिमांड

    आदित्य हैंडलूम के प्रो. तारकेश्वर प्रसाद उर्फ टिंकू जी ने बताया कि इस बार सर्वाधिक डिमांड महाकाल लिखे शर्ट व टी-शर्ट की है। वहीं सूती कपड़ों की खुदरा बाजार में खुब मांग है। कहा कि पहली बार दो महीने का सावन होने के कारण बड़ी मात्रा में गेरुआ वस्त्रों का संकलन किया गया है।

    बाजार में बागंबरी प्रिंट के हाफ पैंट की भी खुब मांग है। बाजार में भक्तों की मुख्य पोशाक गेरुआ वस्त्र 12 से 16 सौ में उपलब्ध है। बाजार में इसकी खुब डिमांड है। वहीं सामान्य गेरुआ झोला 100 से 200 रुपए में मिल रहे है। हाफ पैंट 100 से 300 में, शर्ट 300 से 600, गमछा 80 से 200 रुपए बिक रहा है।

    गंजी 60 से 200 रुपए, वहीं बच्चों की गंजी का दाम साइज के अनुसार है। सावन में ब्रांडेड कपड़ों का भी क्रेज खुब दिख रहा है। बाबाधाम जाने वाले युवा ब्रांडेड टी-शर्ट व शर्ट की भी खरीदारी करते दिखे। विभिन्न दुकानों में गेरुआ रंग का ब्रांडेड हाफ पैंट व थ्री क्वार्टर भी उपलब्ध है। वहीं, कई श्रद्धालु गेरुआ कपड़ा खरीदकर उसे अपने मन-मुताबिक सिलवाने में जुटे है।

    मोतिहारी से खुलेंगी सुल्तानगंज के लिए बसें

    सुल्तानगंज से जल उठाकर देवघर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में है। कोई वाहन स्वयं के वाहन से तो कोई रिजर्व कर के जाते है। वहीं, आर्थिक रूप से कमजोर श्रद्धालु ट्रेन व बसों से बाबा की नगरी पहुंचते है। ऐसे में विभिन्न बस कंपनियों ने रविवार से नियमित बस सेवा शुरू करने के बोर्ड लगा रखे हैं। सर्वाधिक बसें गुरु पूर्णिमा के दिन से खुलनी शुरू हो जाएंगी।