पर्यटक स्थल के रूम में विकसित होंगे मोतीझील और पिपराकोठी, प्रशासन ने दी 14.99 करोड़ की स्वीकृति
मोतीझील और पिपराकोठी को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। मोतीझील के विकास के लिए 14.99 करोड़ और पिपराकोठी झील के विकास के लिए 14.97 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा इन योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाएगा। इन परियोजनाओं के तहत विभिन्न पर्यटक सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

जागरण संवाददाता, मोतिहारी। मोतीझील व पीपराकोठी मन को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। मोतीझील-तट का पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकास के लिए 14.99 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी।
14,99,88,400 की प्राक्कलित राशि की प्रशासनिक स्वीकृति पर्यटन विभाग द्वारा दी गई है और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रथम किस्त के रूप में चार करोड़ रुपये की राशि की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।
विशेष सचिव पर्यटन विभाग द्वारा जारी पत्र के आलोक में जिलाधिकारी सौरभ जोरवालने बताया कि इस योजना का कार्यान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत बहुद्देशीय हाल एवं रेस्टोरेंट, घाट एवं व्यू प्वाइंट, शौचालय ब्लाक तथा प्रवेश द्वार का निर्माण, लैंडस्कैपिंग और एमईपी सर्विसेज इत्यादि से संबंधित कार्य किया जाना प्रस्तावित है। मोतीझील के झील-तट का पर्यटन की दृष्टिकोण से विकास की इस योजना को अगले 12 माह में पूर्ण किया जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ पिपराकोठी झील का पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकास के लिए 14.97 करोड़ की राशि की प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। कुल 14,97,37,200 की प्राक्कलित राशि की प्रशासनिक स्वीकृति पर्यटन विभागद्वारा दी गई है और वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रथम किस्त के रूप में चार करोड़ की राशि के निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी गई है।
विशेष सचिव पर्यटन विभाग बिहार पटना द्वारा जारी पत्र के आलोक में जिलाधिकारी ने बताया कि इस योजना का कार्यान्वयन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा किया जाएगा।
इस योजना के अंतर्गत चारदीवारी, घाट, पाथ-वे, पार्किंग, थेमेटिक गेट,कैफेटेरिया एवं शौचालय ब्लॉक का निर्माण, लैंडस्कैपिंग, तालाब की सफाई, हाई-मास्ट लाइट तथा बेंच एवं डस्टबिन का अधिष्ठापन किया जाएगा। पिपराकोठी झील का पर्यटन की दृष्टिकोण से विकास की इस योजना को अगले 12 माह में पूर्ण किए जाने की संभावना है।
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