नाम विवाद की गूंज के बीच मनरेगा की कड़ी समीक्षा, अधूरे कार्य जल्द पूरे करने के निर्देश
डीडीसी डॉ. प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में मनरेगा योजनाओं की समीक्षा हुई, जिसमें योजनाओं को पूरा करने के निर्देश दिए गए। जॉब कार्डधारियों का ई-केवाईसी क ...और पढ़ें

डीडीसी ने की मनरेगा से जुड़ी कार्यों की समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को दिए निर्देश। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। Motihari MNREGA Review: नाम को लेकर चल रहे विवाद के बीच जिले में मनरेगा योजनाओं की प्रगति को लेकर प्रशासन एक्शन मोड में दिखा।
समाहरणालय स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद सभागार में डीडीसी डॉ. प्रदीप कुमार की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की बिंदुवार जांच की गई। बैठक के दौरान अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने और तय समयसीमा में लक्ष्यों को हासिल करने के निर्देश दिए गए।
समीक्षा के दौरान बताया गया कि जिले में मनरेगा के तहत सक्रिय जॉब कार्डधारकों की संख्या 5 लाख 26 हजार 836 है, जिनमें से अब तक 3 लाख 36 हजार 524 कार्डधारकों का ई-केवाईसी पूरा किया जा चुका है।
इस तरह जिले की उपलब्धि 64.69 प्रतिशत रही, जो राज्य के औसत से बेहतर है। शेष जॉब कार्डधारकों का ई-केवाईसी अभियान चलाकर जल्द पूरा कराने का निर्देश दिया गया।
खेल मैदानों के हस्तांतरण पर जोर
बैठक में मनरेगा से निर्मित खेल मैदानों के रख-रखाव को लेकर भी चर्चा हुई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि पूर्ण हो चुके खेल मैदानों को भू-स्वामित्व वाले विभागों को हस्तांतरित किया जाए।
जिले में अब तक 308 खेल मैदानों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 13 योजनाएं अब भी लंबित हैं। इन शेष योजनाओं को शीघ्र पूरा कराने के लिए संबंधित अभियंताओं और कार्यक्रम पदाधिकारियों को समन्वय के साथ कार्य करने को कहा गया।
अधूरे कार्यों को लेकर सख्ती
मनरेगा कार्यों की समीक्षा में सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में शुरू की गई अधिकांश योजनाएं पूरी हो चुकी हैं, फिर भी कुछ कार्य अब तक अधूरे हैं। वहीं वित्तीय वर्ष 2025-26 में शुरू की गई योजनाओं में कार्य पूर्णता की गति संतोषजनक नहीं पाई गई।
इस पर डीडीसी ने सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने प्रखंडों में लंबित योजनाओं की समीक्षा कर तेजी से कार्य पूरा कराएं।
पौधारोपण लक्ष्य पर चिंता
पौधारोपण की प्रगति को लेकर भी प्रशासन ने नाराजगी जताई। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य के मुकाबले जिले की उपलब्धि आधे से भी कम पाई गई।
गूगल मीट और मनरेगा सॉफ्ट के आंकड़ों में अंतर को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रखंडों को निर्देश दिया गया कि वास्तविक प्रगति के अनुरूप आंकड़ों की प्रविष्टि सुनिश्चित की जाए। कम उपलब्धि वाले प्रखंडों के संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
डीडीसी ने स्पष्ट किया कि मनरेगा योजनाओं में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और सभी लक्ष्यों को समय पर पूरा करना प्राथमिकता होगी।

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