बंगाली शरणार्थी कॉलोनी में पर्चे वाली जमीन पर भूमाफिया की नजर, बेच दी गई करोड़ों की भूमि
शहर के छतौनी स्थित बंगाली शरणार्थी कॉलोनी पर अब भूमाफियाओं की नजर है। आलम यह है कि सरकार द्वारा पर्चा पर दी गई जमीनों पर भी अब ये कब्जा करने से बाज नह ...और पढ़ें

मोतिहारी । शहर के छतौनी स्थित बंगाली शरणार्थी कॉलोनी पर अब भूमाफियाओं की नजर है। आलम यह है कि सरकार द्वारा पर्चा पर दी गई जमीनों पर भी अब ये कब्जा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताते हैं कि सरकार द्वारा बांग्लादेशी शरणार्थियों को पर्चा पर दी गई जमीन को अवैध रूप से लीज पर लेकर माफियाओं द्वारा बेच दी गई है। बेची गई इन भूखंडों पर बड़ी-बड़ी व्यावसायिक इमारतें भी खडी की जा रही हैं। कुछ मामले ऐसे भी हैं जहां अवैध रूप से पर्चे वाली जमीन की बिक्री भी कर दी गई है। वहां भी इमारतें बनाने का कार्य किया जा रहा है। इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए मोतिहारी सदर के विधायक सह राज्य के गन्ना उद्योग व विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने इस बाबत जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने को कहा है। उन्होने अपने पत्र में कहा है कि कतिपय कब्जाधारी पर्चा की जमीन पर जिला प्रशासन की अनुमति के बेचकर इमारत खड़ी कर रहें हैं। वहीं कुछ भूमि कारोबारी अवैध रूप से पर्चा वाली जमीन की बिक्री भी कर रहे हैं। इससे सरकार को राजस्व की भारी क्षति हो रही है। अब डीएम ने मंत्री श्री कुमार के पत्र के आलोक में पूरे मामले की गहन पडताल के लिए एसडीओ सदर को निर्देश दिया है। डीएम ने अपने निर्देश में मामले की जांच कर अवैध क्रेता व लीजधारकों के पहचान करने की भी बात कही है।
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सन 71 में पर्चा पर दी गई थी जमीन
ज्ञात हो कि सन 1971 में पाकिस्तान व भारत युद्ध के दरम्यान काफी तादाद में बांग्लादेशी शरणार्थी पूर्वी चंपारण जिला में पहुंचे थे। तब उनके पुनर्वास के लिए छतौनी बस स्टैंड से सटे सरकारी गैरमजरूआ जमीन का पर्चा के माध्यम से आवंटन किया गया था। विभागीय नियमों के अनुसार पर्चे वाली जमीन पर इमारत खडी करने, इसके व्यावसायिक इस्तेमाल व खरीद बिक्री की अनुमति नहीं होती है। बावजूद इसके कुछ भू माफिया ऐसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
बयान
मामले में अंचलाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। नियम विरूद्ध कार्य करनेवालों को किसी भी रूप में बख्शा नहीं जाएगा। इसकी व्यापक जांच कराई जाएगी।
प्रियरंजन राजू
अनुमंडल पदाधिकारी
मोतिहारी सदर

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