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    कानपुर रेल हादसा: कोडवर्ड था 'कानपुर में जमीन कब्जा करना है'

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Fri, 10 Feb 2017 10:36 PM (IST)

    कानपुर ट्रेन हादसे में बड़ा खुलासा करते हुए आरोपी शमसुल होदा ने बताया कि आइएसआइ ने इसके लिए कोडवर्ड दिया था कानपुर में जमीन कब्जा करना है।

    कानपुर रेल हादसा: कोडवर्ड था 'कानपुर में जमीन कब्जा करना है'

    पूर्वी चंपारण [संजय कुमार उपाध्याय]। नेपाल पुलिस के हत्थे चढ़े शम्सुल होदा ने पूछताछ में कहा कि कानपुर के पुखराया में इंदौर-पटना एक्सप्रेस दुर्घटना की साजिश करते वक्त आइएसआइ ने अपने कारिंदों को खास कोड दिया था- 'कानपुर में जमीन कब्जा करना है। इसके आधार पर वहां ट्रेन हादसा कराया गया था।

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    नेपाल पुलिस सूत्रों के मुताबिक, होदा के इस खुलासे के बाद बारा जिलेे के एसपी नरेन्द्र प्रसाद उप्रेती के नेतृत्व में पुलिस टीम एक-एक कर कडिय़ों को जोड़ते हुए आगे की कार्रवाई कर रही है। बताया गया कि उक्त कोड पर काम करनेवाले सभी लोगों की पहचान कर ली गई है। इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की खास टीम काम कर रही है।

    पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि दुबई में बैठकर शम्सुल ने नेपाल में गिरोह के लिए काम कर रहे ब्रजकिशोर गिरि उर्फ गिरि बाबा को कहा था कि अपने सभी साथियों को इस कोड की जानकारी दे देनी है। कोड पर ही घटना को अंजाम दिया जाना है। शम्सुल से आदेश मिलने के बाद गिरि बाबा ने भारत में गिरोह की कमान थामे राकेश यादव व उमाशंकर पटेल को इसकी जानकारी दी थी।

    टेलीफोन पर कोड में बात करते थे कारिंदे

    नेपाल पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि घोड़ासहन में आइईडी विस्फोट फेल कर जाने के बाद कोड वर्ड का प्रयोग आइएसआइ के काङ्क्षरदे करने लगे थे। ताकि, यदि कोई फोन को सुन भी रहा हो तो उसे बस यह जानकारी मिले कि जमीन कब्जे का मामला है।

    यह है मामला

    21 नवंबर 2016 को कानपुर देहात के पुखराया में इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई। करीब 150 लोग मारे गए थे। इस बीच 17 जनवरी 2017 को पूर्वी चंपारण की पुलिस ने आदापुर थाने में दर्ज दोहरे हत्याकांड के तीन नामजद उमाशंकर पटेल उर्फ राजू, मुकेश यादव व मोतीलाल पासवान को गिरफ्तार।

    तीनों ने पुलिस को बताया कि 1 अक्टूबर 2016 को घोड़ासहन में आइईडी लगाने व कानपुर रेल हादसा कराने में आइएसआइ का हाथ था। इसे दुबई में बैठे शम्सुल होदा के इशारे पर नेपाल से ब्रजकिशोर गिरि के साथ अंजाम देने में तीनों भी साथ थे। इस क्रम में गिरोह के दो साथियों की हत्या भी नेपाल ले जाकर कलेया के जंगल में कर दी गई थी। इस बीच नेपाल पुलिस ने जाल बिछाकर शम्सुल होदा को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सारी बातें सामने आने लगी हैं।