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नेपाल में अपना नेटवर्क तैयार करने में जुटा आइएसआइ

मोतिहारी। रक्सौल में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ अपना जाल फैलाने और गुर्गों को चिन्हित ठिकानों तक पहुंचाने के फिराक में जुटे है। इसका खुलासा सुरक्षा एजेंसियों ने किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 10:52 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 10:52 PM (IST)
नेपाल में अपना नेटवर्क तैयार करने में जुटा आइएसआइ
नेपाल में अपना नेटवर्क तैयार करने में जुटा आइएसआइ

मोतिहारी। रक्सौल में इंडो-नेपाल बॉर्डर पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ अपना जाल फैलाने और गुर्गों को चिन्हित ठिकानों तक पहुंचाने के फिराक में जुटे है। इसका खुलासा सुरक्षा एजेंसियों ने किया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कश्मीर के स्थानीय आतंकियों और अलगाव वादियों की मदद करने के लिए नेपाल में अपना नेटवर्क तैयार किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च और अप्रैल में कश्मीर के कम से कम छह स्थानीय आतंकियों ने अलग-अलग टुकड़ियों में नेपाल का दौरा किया था। इस दौरान उनकी मुलाकात हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) और जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों से हुई थी। बीते माह 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकी हमले की जांच के दौरान भी घाटी के आतंकियों का नेपाल कनेक्सन का तार जुड़ता पाया गया था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि नेपाल में मौजूद लश्कर-ए-ताएबा का हैंडलर मोहम्मद उमर मंडी इस पड़ोसी देश की सीमा से लगे भारतीय शहरों गोरखपुर, फैजाबाद और दरभंगा, सीतामढ़ी ,रक्सौल आदि में अपना ठिकाना मजबूत करने की फिराक में है। इसके लिए सीमावर्ती क्षेत्र धार्मिक स्थलों और किसी खास समुदाय के बस्ती में अपने धार्मिक पैठ को और मजबूत करने में जुटे है। इस सिलसिले में मंडी ने पिछले दिनों कोलकाता का भी दौरा किया है। खुफिया एजेंसी की तरफ से गृहमंत्रालय को सौंपी गई ताजा रिपोर्ट में विस्तार से जिक्र है कि पुलवामा हमले के बाद नेपाल से करीब दस आतंकियों ने घाटी में प्रवेश किया है। सूत्रों ने बताया कि इस नेटवर्क को तोड़ने में भारत और नेपाल की एजेंसियां साझा ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। सूत्रों पर भरोसा करें कश्मीर में सैन्य कार्रवाई में मारे गए पुलवामा हमले से जुड़े आतंकी साजिद बट और तौसिफ बट का सुराग आईएसआई के इसी नेपाली नेटवर्क में मौजूद अपने सुरक्षा एजेंसियों को मिला था। जिसमे बताया कि नेपाल में आईएसआई समर्थित आतंकी तंत्र बहुत पहले से काम कर रहा है। लेकिन उसके कश्मीर कनेक्शन का जानकारी पहली बार मिली है। सख्ती के कारण भारत विरोधी संगठनों ने नेपाल को नया मार्ग के रूप में चुना है। अधिकारियों के मुताबिक, नियंत्रण रेखा (एलओसी), अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) और घाटी के भीतर सुरक्षा बलों की सख्ती की वजह से आईएसआई ने भारत-नेपाल का खुला बार्डर को नया और सुगम मार्ग के रूप में चुना है। घाटी में आतंकियों, अलगाववादियों और टेरर फंडिग पर अंकुश की सूरत में नेपाल से धन, छोटी मात्रा में विस्फोटक और आईईडी जैसे हथियार मुहैया कराए जाने सूचना मिली है। जिसके साक्ष्य और प्रमाण के आधार पर आइबी,रॉ, एएनआइ भारतीय सुरक्षाएजेंसियों ने वैज्ञानिक तरीके से जांच शुरू कर दिया है। संदिग्ध लोगों के गतिविधि पर पैनी नजर रख रहे है। इधर कश्मीर से 370 धारा हटने के बाद से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा एजेंसियों ने कान खड़े कर लिए है। सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी गई है।

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