मोतिहारी में थानेदार का कमाल, थाने में कर दिया निजी चालक व मुंशी बहाल
पूर्वी चंपारण जिले का सीमावर्ती थाना आदापुर एक बार फिर चर्चा में है। थाना क्षेत्र के ग्रामीणों ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को गोपनीय पत्र व तस्वीर भेजी है। ग्रामीणों ने एसपी को दिए आवेदन में कहा है कि आदापुर थानाध्यक्ष द्वारा निजी चालक व मुंशी रखा गया है।

मोतिहारी । पूर्वी चंपारण जिले का सीमावर्ती थाना आदापुर एक बार फिर चर्चा में है। थाना क्षेत्र के ग्रामीणों ने स्पीड पोस्ट के माध्यम से पुलिस अधीक्षक को गोपनीय पत्र व तस्वीर भेजी है। ग्रामीणों ने एसपी को दिए आवेदन में कहा है कि आदापुर थानाध्यक्ष द्वारा निजी चालक व मुंशी रखा गया है। सुरक्षा के मद्देनजर अति संवेदनशील थाने में निजी चालक व मुंशी से काम लेना गोपनीयता भंग करना प्रतीत होता है। आवेदन में कहा गया है कि जमुनापुर निवासी यार महम्मद मियां का पुत्र रफीक मियां वर्षो से आदापुर की जनता का आर्थिक शोषण करता आ रहा है। रफीक का संपर्क सीमा पार नेपाली मूल के बदमाशों, मादक पदार्थ के धंधेबाजों व आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के साथ-साथ शराब धंधेबाजों से है। ग्रामीणों ने कहा है कि रफीक दिन भर थाने में कुर्सी लगाकर फरियादियों का आवेदन लेकर उनसे पूछताछ भी करता है। वहीं रात्रि में फर्जी कमांडों का टी-शर्ट व पैंट पहनकर थाने की सरकारी गाड़ी व जब्त बाइक से सीमावर्ती क्षेत्रों में भ्रमण करता है। वही निजी मुंशी इनरवा निवासी मो. आशिक का पुत्र इंतखाब आलम वर्षो से अवैध रूप से मुंशी का काम करते हुए लोगों से अवैध उगाही करता है। ग्रामीणों ने आवेदन में कहा है कि बिहार सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि किसी भी थाने में मुंशी का काम निजी व्यक्ति से नहीं लिया जाएगा। बावजूद इसके आदापुर थाना में निजी व्यक्ति से मुंशी का काम लिया जा रहा है। ग्रामीणों ने आवेदन के साथ तस्वीर व वीडियो फुटेज भी भेजा है। साथ ही पुलिस अधीक्षक से मामले में न्यायोचित जांच के साथ दोषियों पर नियमानुकूल कार्रवाई की मांग की है, ताकि थाने की गोपनीयता व भारत-नेपाल सीमा से संबंधित अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।
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