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    Bihar Police News: पुलिस मुख्यालय में सेवा देंगे रक्सौल के SDPO, साइबर DSP अभिनव को प्रभार

    भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल के एसडीपीओ धीरेंद्र कुमार का तबादला कर दिया गया है। उन्हें पुलिस मुख्यालय पटना में प्रतिनियुक्त किया गया है। साइबर पुलिस उपाधीक्षक अभिनव परासर को रक्सौल अनुमंडल का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। यह कार्रवाई अवैध वसूली के आरोपों के बाद हुई है जिसमें एक व्यक्ति को एसडीपीओ के नाम पर पैसे वसूलते हुए गिरफ्तार किया गया था। पूरे मामले की जांच चल रही है।

    By Shashi Bhushan Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 07 Jul 2025 04:21 PM (IST)
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    रक्सौल के SDPO धीरेंद्र कुमार और साइबर डीएसपी अभिनव।

    संवाद सहयोगी, मोतिहारी। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी धीरेंद्र कुमार को रक्सौल से हटा दिया गया है। तत्काल प्रभाव से उनकी प्रतिनियुक्ति पटना स्थित पुलिस मुख्यालय में की गई है। इस सिलसिले में पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश से संबंधित पत्र पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात को प्राप्त हुआ है।

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    इस आशय की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक ने सोमवार को बताया कि फिलहाल साइबर पुलिस उपाधीक्षक अभिनव परासर को रक्सौल अनुमंडल का प्रभार तात्कालिक तौर पर दिया गया है। उन्हें रक्सौल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के दायित्वों का निर्वहन अगले आदेश तक करना होगा।

    एसडीपीओ के नाम पर पैसा उगाही करनेवाले को पुलिस भेज चुकी है जेल

    बता दें कि 23 मई 2025 को वरीय पुलिस अधिकारी के नाम पर अवैध वसूली करने के आरोप में छौड़ादानो थानाक्षेत्र के खैरवा निवासी शिवपूजन शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ रक्सौल के कपड़ा व्यवसायी टुन्ना प्रसाद ने उसके खिलाफ स्थानीय थाना में आवेदन दिया था। शिवपूजन से पुलिस ने पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस की जांच चली।

    इस पूरे मामले में रक्सौल के निवर्तमान अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी की भी भूमिका जांच के दायरे में आई। चंपारण प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक हरकिशोर राय इस ने मामले की जांच की। व्यवसायी की ओर से आरोप लगाया गया कि उनकी दुकान से रक्सौल के तत्कालीन पुलिस निरीक्षक राजीव नंदन सिन्हा ने एक लाख 80 हजार का कपड़ा उधार लिया।

    जब पैसे की मांग की तो व्यवसायी पर अपहरण का झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसके बाद व्यवसायी ने इसकी शिकायत पर डीआइजी से की। डीआइजी ने स्वयं पूरे मामले की जांच की। जांच के बाद आरोप प्रमाणित होने के साथ थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया।

    मामले में एसडीपीओ पर भी रिश्वत लेने का आरोप सामने आया। पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि खैरवा का शिवपूजन ही एसडीपीओ के नाम पर पैसे लेता था। इस घटना के बाद रक्सौल के एसडीपीओ धीरेंद्र चर्चा में थे। इस बीच पुलिस मुख्यालय द्वारा की गई कार्रवाई के बाद जिले में हड़कंप मचा है।