East Champaran News: विद्यार्थियों के कौशल विकास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ी भूमिका
East Champaran News:मोतिहारी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकों में विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर रहा है। एआइ के महत्व को देखते हुए, कॉलेज ने कंप्यूटर साइंस विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग की स्थापना की है। एआइ से डेटा प्रोसेसिंग तेज होती है, श्रम लागत कम होती है, और मेडिकल व स्पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सुधार होता है। कॉलेज में अब छह पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं, जिनमें एआइ भी शामिल है।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)।Bihar News: बिहार सरकार के विज्ञान प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा संचालित मोतिहारी कालेज आफ इंजीनियरिंग (एमसीई) समय की मांग को देखते हुए स्वयं को अपडेट कर रहा है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) जैसी तकनीकी विधाओं में भी यहां के विद्यार्थियों को पारंगत किया जा रहा है। एआइ आज वैश्विक स्तर पर तकनीकी क्रांति के रूप में विमर्श का विषय है। तकनीकी शिक्षा में इसे अनिवार्य अवयव के रूप में देखा जा रहा है।
जाब के मामले में भी एआइ के महत्व को महसूस किया जा रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए शिक्षण संस्थानों में तैयारी की जा रही है। एमसीई में कंप्यूटर साइंस विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अलग विभाग बनाया गया है।
हालांकि इस विभाग की स्थापना वर्ष 2023 में ही कर दी गई थी। लेकिन अब इसे और उन्नत बनाया जा रहा है। इस संबंध में एमसीई के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल आफिसर प्रो. आशुतोष कुमार ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मनुष्य की तरह सोचने वाला साफ्टवेयर बनाने का एक तरीका है।
यह अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लाभ
एआइ बड़ी मात्रा में डेटा को तेजी से और सही तरीके से प्रोसेस कर सकता है। वहीं, एआइ दोहराए जाने वाले कामों को अपने-आप कर सकता है। यह बेहद सटीक तरीके से काम करता है। इससे मानवीय गलती की संभावना कम हो जाती है।
एआइ से कंपनियों और संगठनों को श्रम लागत कम करने में भी मदद मिलती है। एआइ से कई तरह के काम अपने-आप होने लगते हैं, जिससे मानव श्रमिकों को ज्यादा जटिल और रचनात्मक कामों पर ध्यान देने का मौका मिलता है।
इसके मेडिकल सेक्टर में भी फायदे हैं। एआइ की मदद से एक्स-रे रीडिंग जैसे काम आसान हो जाते है। जहां तक स्पोर्ट्स की बात है तो एआइ की मदद से खिलाड़ी अपनी परफार्मेंस पर नजर रख सकते हैं। वहीं, इससे उत्पादकता और गुणवत्ता में भी सुधार होता है। एआइ से औद्योगिक उपकरणों का रखरखाव बेहतर होता है।
एमसीई में एआइ सहित छह पाठ्यक्रम
एमसीई ने नवीनतम तकनीक एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रमों को भी अपडेट किया है। पहले इस संस्थान में केवल चार पाठ्यक्रम के अंतर्गत बीटेक की शिक्षा व्यवस्था थी। उसे विस्तारित कर अब छह कर दिया गया है।
इनमें मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विद आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं सिविल इंजीनियरिंग विद कंप्यूटर एप्लीकेशन शामिल हैं। प्रत्येक ब्रांच में नामांकन के लिए यहां 60-60 सीटें निर्धारित हैं।
एमसीई नई तकनीक पर आधारित शिक्षा व्यवस्था को प्रमुखता दे रहा है। यहां विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इस बात पर सबसे ज्यादा फोकस किया जा रहा है। इसका अनुकूल परिणाम भी सामने आ रहा है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी यहां के विद्यार्थी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रो. (डा) नवनीत कुमार, प्राचार्य, एमसीई

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