East Champaran News: नहीं शुरू हुई सरकारी धान की खरीदारी, औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर किसान
पूर्वी चंपारण में सरकारी धान खरीद शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं। वे व्यापारियों को कम दाम पर धान बेचने के लिए मजबूर हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसानों का कहना है कि खरीद में देरी से उन्हें काफी परेशानी हो रही है और सरकार को जल्द ही इस पर ध्यान देना चाहिए। व्यापारी इस स्थिति का फायदा उठा रहे हैं।

धान कम दाम पर बेचने को मजबूर किसान। सांकेतिक तस्वीर
संवाद सहयोगी, पकड़ीदयाल। पकड़ीदयाल प्रखंड क्षेत्र में इस वर्ष धान की सरकारी खरीदारी शुरू नहीं होने से किसान भारी संकट से जूझ रहे हैं। रबी फसल की बुआई, बच्चों की स्कूल फीस, घर-परिवार के न्योता-पिहानी जैसे जरूरी इंतज़ामों के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। लेकिन सरकारी खरीद केंद्र बंद होने के कारण किसानों को अपने खून-पसीने की कमाई धान की फसल औने-पौने दाम पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
स्थानीय स्तर पर जानकारी के अनुसार, प्रखंड में कुल 9 पैक्स केंद्र हैं, जहां किसानों की उपज का सरकारी दर पर क्रय-विक्रय होना चाहिए। लेकिन खरीदारी शुरू न होने से किसानों में नाराजगी और चिंता दोनों बढ़ रही हैं।
किसान तुलसी यादव बताते हैं कि धान की रोपनी से शुरू हुई परेशानी आज तक खत्म नहीं हो रही। सरकार ने कई योजनाएं बनाई, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
किसान प्रेम शंकर पांडेय का कहना है कि हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। अगर यही स्थिति रही, तो खेती छोड़कर बाहर मजदूरी करने जाना पड़ेगा। इनपुट लागत बढ़ चुकी है और उपज का सही मूल्य न मिलने से परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।
किसानों का आरोप है कि हर वर्ष की तरह इस बार भी खरीद प्रक्रिया को लेकर प्रशासनिक सुस्ती बनी हुई है। इससे बाजारों में बिचौलियों की सक्रियता बढ़ गई है, जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर काफी कम दाम पर धान खरीद रहे हैं।
इस संबंध में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी प्रशांत कुमार रंजन ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र के छह पैक्स बड़का गांव पैक्स, सिसहनी पैक्स, अजगरी पैक्स, राजपुर पैक्स, नवादा पैक्स, चोरमा पैक्स तथा पकड़ीदयाल साउथ को धान खरीदारी शुरू करने का आदेश भेज दिया गया है। इनमें से राजपुर पैक्स में धान की खरीदारी शुरू भी कर दी गई है।
हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रखंड स्तर पर सरकार की ओर से धान खरीद का वार्षिक लक्ष्य पत्र अब तक निर्गत नहीं किया गया है, जिसके कारण कई पैक्स केंद्र खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं कर पा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि शीघ्र सरकारी खरीद नहीं शुरू की गई तो उनकी उपज का सही मूल्य मिलना मुश्किल हो जाएगा।

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