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    प्राइवेट स्कूल में पढ़ने के लिए सरकार देगी पैसा, गरीब वर्ग के 1014 बच्चों के नामांकन की तैयारी

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 11:50 AM (IST)

    पूर्वी चंपारण जिले में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 1014 छात्रों का निजी स्कूलों में नामांकन हुआ है। दो चरणों में 1116 अभिभावकों ने आवेदन किया था जिनमें से 1109 बच्चे योग्य पाए गए। चकिया और हरसिद्धि में सर्वाधिक नामांकन हुए। सरकार इन नामांकित बच्चों की फीस भरेगी जिससे उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

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    जिले के निजी विद्यालयों में 1014 बच्चों को पढ़ाएगी सरकार

    शशि भूषण कुमार, मोतिहारी। पूर्वी चंपारण जिले में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में अलाभकारी समूह व कमजोर वर्ग के अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करने की योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है।

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    जरूरतमंद बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के इस अभियान के दौरान ऑनलाइन आवेदन किया जाना है। इसके तहत दो चरणों में कुल 1116 अभिभावकों ने 373 निजी विद्यालयों में नामांकन के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। विभागीय जांच के बाद 1109 बच्चे नामांकन के लिए योग्य पाए गए। सभी को ऑनलाइन ही विद्यालय से अलर्ट संदेश भेज दिया गया।

    हालांकि 1014 विद्यार्थियों के अभिभावकों ने ही अपने बच्चों का नामांकन निजी विद्यालयों में कराया, जबकि शेष 95 बच्चों के अभिभावक घर से विद्यालय की दूरी सहित अन्य कारणों से नामांकन नहीं करा सके। सरकारी स्तर से निजी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ग्रहण करने वाले नामांकित 1014 विद्यार्थियों की फीस अब सरकार भरेगी।

    नामांकन के लिए तीन चरण में लिए गए आवेदन

    शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12(1)(c) के तहत प्रस्वीकृति प्राप्त निजी विद्यालयों में अलाभकारी समूह व कमजोर वर्ग श्रेणी के बच्चों के ऑनलाइन पंजीकरण के लिए दो चरणों में आवेदन आमंत्रित किया गया।

    पहले चरण में 25 जनवरी 2025 तक आवेदन किया जाना था, जहां आवेदनों की संख्या कम होने पर इसे 10 फरवरी तक विस्तारित किया गया। वहीं तीसरे चरण में तिथि को विस्तारित करते हुए ऑनलाइन आवेदन की तिथि 19 अप्रैल की गई।

    नामांकन के लिए 1116 बच्चों के अभिभावकों ने किया आवेदन

    निर्धारित तिथि तक जिले के विभिन्न प्रखंडों से कुल 1116 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हुए। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्तर से जांच के दौरान सात आवेदन को अस्वीकृत करते हुए 1109 बच्चों को नामांकन के लिए योग्य पाया गया और संबंधितों को ऑनलाइन विद्यालय आवंटित कर दिया गया।

    हालांकि 1014 अभिभावकों ने अपने-अपने बच्चों का नामांकन निजी विद्यालयों में कराया, जबकि 95 अभिभावक घर से विद्यालय की दूरी सहित अन्य कारणों से नामांकन नहीं करा सके।

    चकिया व हरसिद्धि में हुआ सर्वाधिक नामांकन

    जिले के चकिया व हरसिद्धि प्रखंड में सर्वाधिक नामांकन हुए। चकिया में 112 में 103 तो हरसिद्धि में 105 में 92 बच्चों के अभिभावकों ने नामांकन कराया। वहीं आदापुर में 23, अरेराज में 13, बंजरिया में 10, बनकटवा में नौ, छौड़ादानो में 33, चिरैया में 51, ढाका में 65, घोड़ासहन में 11, कल्याणपुर में 42, केसरिया में छह, कोटवा में 34, मधुबन में 26, मेहसी में 45, मोतिहारी में 63, पहाड़पुर में 81, पकड़ीदयाल में 22, पताही में 57, फेनहारा में नौ, पीपराकोठी में छह, रामगढ़वा में 23, रक्सौल में 49, संग्रामपुर में 16, सुगौली में 23, तेतरिया में 35 व तुरकौलिया में 67 बच्चों का नामांकन किया गया है।

    वर्जन

    शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिले के विभिन्न प्रखंडों के 1109 चयनित बच्चों में 1014 का नामांकन अलॉट किए गए निजी विद्यालयों में कक्षा पहली में किया गया है, जबकि 95 चयनित विद्यार्थियों के अभिभावकों ने विभिन्न कारणों से नामांकन नहीं कराया है। नामांकित बच्चों की फीस निजी विद्यालयों को सरकार द्वारा देय होगा।- राजन कुमार गिरि, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण।

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