Dhanteras 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त, दूर करें सारे भ्रम
Dhanteras 2025: इस वर्ष धनतेरस और दीपावली की तिथियों को लेकर कोई संशय नहीं है। शास्त्रों के अनुसार, धनतेरस 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा क्योंकि इस दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल में है। दीपावली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी, क्योंकि इस दिन प्रदोष व्यापिनी अमावस्या है। वैदिक गुरुकुलम के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ने बताया कि यह निर्णय आचार्यों की संगोष्ठी में लिया गया।

इस खबर में प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। Dhanteras 2025: इस वर्ष धनतेरस से लेकर दीपावली तक तिथियां स्पष्ट हैं। कोई व्रत दो दिन नहीं मनाया जा सकता है। इसके लिए शास्त्रों में कुछ नियम बनाए गए हैं।
धनतेरस के बारे में शास्त्रों में बताया गया है कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन भगवान धनवंतरि सागर मंथन के दौरान प्रकट हुए थे। इसलिए इसी दिन धनतेरस मनाया जाना चाहिए, लेकिन समस्या यह है कि त्रयोदशी तिथि दो दिन है।
इस तरह की स्थिति आने पर शास्त्रों में बताएं नियम के अनुसार जिस दिन सायंकाल के समय त्रयोदशी यानी प्रदोष काल में त्रयोदशी हो उसी दिन धनतेरस की पूजा करनी चाहिए।
इस नियम के कारण इस वर्ष 18 अक्टूबर को प्रदोष व्रत सहित धनत्रयोदशी का व्रत होगा। वैसे ही दीपावली को लेकर भी असमंजस है अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को मध्याह्न बाद 02:32 से आ जाएगा जो 21 अक्टूबर को दिवा 04:26 तक ही हैं और उस दिन सूर्यास्त 5:41 में है।
प्रदोष व्यापिनी अमावस्या युक्ति के अनुसार प्रदोष व्यापिनी अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को ही हैं। इसलिए इसी दिन दीपावली का पूजन किया जाएगा। उक्त जानकारी वैदिक गुरुकुलम के आचार्य अभिषेक कुमार दूबे ने दी।
कहा कि यह निर्णय आचार्यगणों के संगोष्ठी में शास्त्रों के अवलोकन के उपरांत लिया गया है। संगोष्ठी में आचार्य आशुतोष कुमार द्विवेदी, आचार्य रोहन पांडेय, आचार्य सोनू पाठक, आचार्य अमित पांडेय, आचार्य अंजेश पांडेय, आचार्य राहुल मिश्रा, आचार्य सूरज मिश्रा, अनिकेत पांडेय, अजित पांडेय, अमन पांडेय, आलोक पांडेय आदि ने संयुक्त बैठक कर तिथि निर्णय के विषय में जानकारी प्रदान की।
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