East Champaran News : जिस बापू ने देश को दिशा दी, उनके स्मारक की जमीन आज भी अतिक्रमण में कैद
Bihar Latest News : पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी में बापू के स्मारक की भूमि अतिक्रमण का शिकार है, प्रशासनिक उदासीनता के कारण इसे खाली नहीं कराया जा सका ...और पढ़ें

गांधी स्मारक की भूमि पर सजा बाजार। जागरण
संवाद सहयोगी, पीपराकोठी (पूर्वी चंपारण)। पीपराकोठी में बापू के स्मारक की भूमि प्रशासन की उदासीनता के कारण अतिक्रमण का शिकार है। प्रशासनिक उदासीनता के कारण इसे खाली नहीं कराया जा सका है।
यहीं नहीं अब अंचल प्रशासन फाइल के गायब होने की बात बताई जा रही है। बताया गया कि पीपराकोठी में स्वतंत्रता सेनानी जानकी सहनी द्वारा महात्मा गांधी के नाम पर दी गई 47 डिसमिल भूमि को अतिक्रमणकारियों ने ही बेच दी।
जमीन लेने वाला उसपर करीब छह दर्जन दुकान बना भाड़ा पर वर्षों से से लगा दिया। मामला गांधीवादी नेता सह कांग्रेस महासचिव चुमन जायसवाल द्वारा 2014 में उठाया गया। नौ वर्ष बाद पटना उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई से गांधी जी की भूमि वापस मिलने के आसार बढ़ गए।
मामले को लेकर चुमन जायसवाल के आवेदन पर तत्कालीन सीओ ललित कुमार ने जांच कराई थी। जिसमें पाया गया कि जानकी सहनी द्वारा गांधी आश्रम को लिखी गई 47 डिसमिल जमीन को समसूल हक नामक व्यक्ति से रघुनाथ साह, महेश साह, मदन गुप्ता, किशोर साह, रामचंद्र साह, अरुण प्रसाद, वरुण प्रसाद अपने नाम करा दुकान बनाया और कब्जा कर लिया है।
जिसके बाद मामले को लेकर सीओ ने अतिक्रमण हटाने को जिला से आदेश मांगा। आदेश मिलने के पहले ही अतिक्रमणकारियों ने अतिक्रमण के आरोपितों ने भूमि को निजी रैयती बताते हुए हाईकोर्ट में मामला दायर किया है।
जिसमें गांधी आश्रम की भूमि के लिए लड़ाई लड़ रहे गांधीवादी नेता व कांग्रेस के जिला महासचिव चुमन जायसवाल उर्फ दिनेश जायसवाल पर आरोप लगाया कि प्रशासन की मिलीभगत से उन्हें उनकी निजी भूमि से बेदखल किया जा रहा है।
मामले में कोर्ट ने जिलाधिकारी, सीओ सहित श्री जायसवाल को नोटिस कर अदालत में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया। हालांकि श्री जयसवाल के अतिरिक्त किसी ने अपनी पक्ष नहीं रखी थी। जिसके बाद अतिक्रमणकारियों के बाद को हाईकोर्ट द्वारा 21 मार्च 2025 को खारिज कर दिया गया और आदेश दिया कि पूर्व में अंचलाधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई सही है।
मामले में वर्तमान अंचलाधिकारी सुनील कुमार पासवान ने बताया कि हाईकोर्ट से इस प्रकार का आदेश आया है। उक्त मामले की फाइल देखा जा रहा है। साथ ही स्थल निरीक्षण किया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
परंतु नौ माह बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। जिसको लेकर स्थानीय अंचल प्रशासन पर उगंली उठना शुरू हो गया है।
वहीं दिनेश जायसवाल का कहना है कि अंचल कार्यालय से आरटीआई के तहत कार्रवाई की कापी छह माह पहले मांग की गई। परंतु अंचल कार्यालय द्वारा उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। साथ ही फाइल गुम होने की बात बताई जाती हैं।
क्या है मामला
चांदसरैया बाजार के समीप बिहार सरकार ने स्वतंत्रता सेनानी जानकी सहनी को 47 डिसिमल भूमि 1970 में बंदोबस्त कर दिया। जिसमें बापू के नाम पर गांधी आश्रम का भी जमीन शामिल था।
उक्त भूमि पर गांधी जी का स्मारक बीचोबीच बना था। परंतु उक्त भूमि को रघुनाथ साह, महेश साह, मदन गुप्ता, किशोर साह, रामचंद्र साह, अरुण प्रसाद, वरुण प्रसाद व समसुल हक निजी बताकर उसे अतिक्रमित कर मकान बना रहे थे। जिसके विरुद्ध दिनेश जायसवाल ने अंचलाधिकारी व जिलाधिकारी को आवेदन दिया।
परंतु जांच में शिथिलता होने के कारण अतिक्रमणकारियों ने बापू के स्मारक को तोड़कर हटा दिया और घर बनाने लगे। इधर श्री जायसवाल ने भी हार नहीं मानी और तत्कालीन अंचलाधिकारी से जांच कराई।
लोगों को 26 सितंबर 2014 को नोटिस जारी किया गया। परंतु बीच मे अतिक्रमणकारी हाईकोर्ट चले गए। जिसके कारण कानूनी प्रक्रिया रुक गई। जबकि अतिक्रमणकारियों द्वारा उक्त भूमि पर 40 से अधिक दुकान बनाकर किराए उठाए जा रहे हैं।
हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में उक्त मामले की फाइल देख स्थल निरीक्षण किया जाएगा। उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
सुनील कुमार पासवान, अंचलाधिकारी, पीपराकोठी

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