Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    7 करोड़ से अधिक के साइबर फ्राड मामले के मास्टरमाइंड आलोक की तलाश में लखनऊ जाएगी पुलिस

    By Sushil Verma Edited By: Ajit kumar
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 02:28 PM (IST)

    मोतिहारी में साइबर अपराधियों का नेटवर्क लखनऊ तक फैला है। मधुबन मामले में गिरफ्तार तीन बदमाशों की निशानदेही पर पुलिस आलोक कुमार की तलाश में लखनऊ जाएगी। ...और पढ़ें

    Hero Image

    मधुबन के मामले में गिरफ्तार तीन बदमाशों की निशानदेही पर आगे की कार्रवाई शुरू। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। मोतिहारी जिले से जुड़े साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है, जिसकी जड़ें बिहार से निकलकर उत्तर प्रदेश के लखनऊ समेत कई महानगरों तक फैली हुई हैं।

    मधुबन थाना क्षेत्र के मामले में गिरफ्तार तीन साइबर अपराधियों की निशानदेही पर पुलिस अब गिरोह के दूसरे मास्टरमाइंड आलोक कुमार की गिरफ्तारी के लिए लखनऊ जाने की तैयारी कर रही है।

    गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ में पुलिस को मुजफ्फरपुर निवासी गोपाल क्षत्री सहित कई ऐसे लोगों की जानकारी मिली है, जिनके बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी की रकम मंगाने में किया गया।

    पुलिस इन खाताधारकों की भी तलाश कर रही है। पुलिस जांच में सामने आया है कि गिरफ्तार तीनों अपराधियों के खिलाफ बिहार, पश्चिम बंगाल सहित देश के 22 राज्यों में कुल 79 से अधिक मामले दर्ज हैं।

    अब तक की छानबीन में यह भी खुलासा हुआ है कि गिरोह के जरिए करीब 80 बैंक खातों का संचालन किया जा रहा था। जांच में पता चला कि गिरोह ग्रामीण इलाकों के लोगों से पांच से दस हजार रुपये देकर उनके बैंक खाते हासिल करता था और उन्हीं खातों में साइबर फ्राड की रकम ट्रांसफर कराई जाती थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके अलावा डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर भी लोगों से रुपये वसूले जाते थे। इस तरीके से गिरोह ने अब तक करीब तीन करोड़ 65 लाख रुपये की ठगी की है, जबकि कुल लेनदेन सात करोड़ रुपये से अधिक का बताया जा रहा है।

    मजदूरी छोड़ साइबर ठगी में शामिल हुआ अमन

    पुलिस जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि गिरफ्तार आरोपितों में शामिल सीतामढ़ी जिले के प्रेमनगर निवासी अमन प्रकाश पहले दिल्ली में मजदूरी करता था। पिता की बीमारी और भाई की सड़क हादसे में मौत के बाद आर्थिक तंगी के कारण वह साइबर ठगी गिरोह के संपर्क में आया।

    एक युवक के माध्यम से अमन की मुलाकात लखनऊ में मास्टरमाइंड आलोक से हुई। बाद में आलोक ने उसे राजेपुर थाना क्षेत्र के काशी पकड़ी गांव निवासी दूसरे मास्टरमाइंड जितेंद्र कुमार से मिलवाया। जितेंद्र से पूछताछ में भी पुलिस को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।

    मुजफ्फरपुर से चल रहा था फर्जीवाड़े का खेल

    गिरफ्तार दूसरा मास्टरमाइंड जितेंद्र ठाकुर मुजफ्फरपुर में रहकर इनकम टैक्स रिटर्न भरने का काम करता था। इसी दफ्तर की आड़ में वह साइबर ठगी के नेटवर्क को संचालित कर रहा था।

    पुलिस के अनुसार, जितेंद्र ने मधुबन के व्यवसायी भरत प्रसाद को लोन दिलाने के नाम पर एक करोड़ 50 लाख रुपये की ठगी की थी। उसके बैंक खातों से अब तक करीब तीन करोड़ 50 लाख रुपये के लेनदेन के प्रमाण मिले हैं।

    ऐसे हुआ था बड़ा फ्राड

    मधुबन थाना क्षेत्र के दुलमा गांव निवासी व्यवसायी भरत प्रसाद से लोन दिलाने के बहाने चार दिनों के भीतर एक करोड़ 50 लाख रुपये की ठगी की गई थी। पीड़ित की शिकायत पर दर्ज मामले की जांच में गुरुवार को पुलिस ने राजेपुर थाना के काशी पकड़ी गांव निवासी जितेंद्र कुमार, सीतामढ़ी के प्रेमनगर निवासी अमन प्रकाश और पुनौरा थाना क्षेत्र के डुमरा गांव निवासी ओमप्रकाश को गिरफ्तार किया।

    तीनों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गिरोह से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं। इन्हीं तथ्यों के आधार पर अब पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों और मास्टरमाइंड की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।