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    सावन में मेहंदी व हरे रंग की चूड़ियों का शास्त्रीय महत्व

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 16 Jul 2020 11:05 PM (IST)

    मोतिहारी । श्रावण मास भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें शिव पूजन व रुद्र ...और पढ़ें

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    सावन में मेहंदी व हरे रंग की चूड़ियों का शास्त्रीय महत्व

    मोतिहारी । श्रावण मास भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इसमें शिव पूजन व रुद्राभिषेक आदि अनुष्ठान करके श्रद्धालु धन्य हो जाते है। श्रावण मास में निष्ठा पूर्वक पूजा करने से भगवान शंकर भक्त की सभी इच्छाओं को पूर्ण करते है। इस पावन महीने में हर तरफ हरियाली छा जाती है । भगवान शिव प्रकृति के बीच ही रहते हैं। उन्हें जो बिल्वपत्र, दूर्वा, शमीपत्र, भांग, धतूरा आदि चढ़ाया जाता है वन भी हरे रंग का होता है। इसलिए हरा रंग उनको अत्यधिक प्रिय है। हमारे धर्मग्रंथों में वृक्ष एवं वनस्पतियों आदि की पूजा का विधान है। ऐसा करने से हम प्रकृति के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। इसलिए हरे रंग के वस्त्र आदि पहनने से प्रकृति का भी आशीर्वाद मिलता है। उक्त बातें महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्ष्ज्ञण प्रशिक्षण सेवा संस्थान वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पांडेय ने कही। श्री पांडेय ने कहा कि सावन में महिलाएं विशेष तौर पर साज-सिगार करती हैं, जिसमें महिलाओं के लिए हरे रंग का विशेष महत्व होता है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में महिलाओं को भी प्रकृति का रूप माना जाता है। महिलाओं के लिए खास है श्रावण मास सावन महीना महिलाओं के लिए खास होता है। इस मास में ही ऋतु परिवर्तन होता है। इसमें स्त्रियां सोलह सिगार करती है। अपने सिगार में वे हरे रंग की चूड़ियां, हरे रंग के वस्त्र व मेंहदी को अधिक महत्व देती है। सावन के महीने में हरा रंग धारण करने से भगवान शंकर के साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं, क्योंकि इस समय मनुष्य स्वयं को प्रकृति के साथ जोड़ लेता है। इसके अतिरिक्त हरे रंग की चूड़ियां पहनने से भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हरा रंग बुध से प्रभावित होता है। बुध एक नपुंसक ग्रह है। इसलिए बुध से प्रभावित होने के कारण हरा रंग काम-भावना को नियंत्रित करने का काम करता है। सावन में मेंहदी लगाने एवं हरे रंग की चूड़ियां पहनने का वैज्ञानिक कारण भी यही माना जाता है। इस मास में कई प्रकार की बीमारियां फैलने लगती है। आयुर्वेद में हरा रंग कई रोगों में कारगर माना गया है। इस कारण से भी महिलाएं स्वास्थ्य की रक्षा के लिए मेंहदी लगाती हैं और हरे रंग के वस्त्र व चूड़ियां पहनती है। हरा रंग धारण करने से बुध ग्रह मजबूत होता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा बुद्धि व समृद्धि प्राप्त होती है। प्राचार्य पांडेय ने बताया कि हरा रंग प्रेम, प्रसन्नचित्त और खुशहाली का प्रतीक माना गया है।

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