बिहार में चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति व्यवस्था में बदलाव, इलाज की परेशानी दूर होने की उम्मीद
मोतिहारी के कई अस्पतालों में डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को परेशानी हो रही है। सदर अस्पताल में ईएनटी, हड्डी रोग जैसे विभागों में डॉक्टर कम हैं। स्व ...और पढ़ें

सदर अस्पताल सहित कई अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी के कारण इलाज होता बाधित। प्रतीकात्मक चित्र
संवाद सहयोगी, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। East Champaran News: जिले के कई ऐसे अस्पताल हैं जहां चिकित्सकों की कमी के कारण लोगों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा मिलने में परेशानी होती है।
खासकर सदर अस्पताल के ईएनटी, हड्डी रोग, सर्जरी आदि ऐसे विभाग हैं जहां चिकित्सकों की कमी परेशानी का सबब बनी हुई है। आए दिन मरीजों को बिना इलाज के ही वापस लौटना पड़ता है।
हालांकि पूर्व में ही जुलाई महीने में स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने जिलाधिकारी को पत्र लिख कर प्रशासनिक दृष्टिकोण व आमलोगों के हित में कतिपय चिकित्सकों को जिलांतर्गत अन्य चिकित्सकीय पदस्थापित किए जाने की बात कही थी।
समानुपातिक प्रतिनियुक्ति नहीं होने से परेशानी
विभागीय सूत्रों की माने तो सदर अस्पताल सहित कई ऐसे अस्पताल हैं जहां मरीजों की आवाज ज्यादा है लेकिन संबंधित विभागों में चिकित्सकों की संख्या कम है। वहीं कई ऐसे अस्पताल हैं जहां चिकित्सकों की संख्या ज्यादा व मरीजों की संख्या कम रहती है। जिससे मरीजों को बिना इलाज कराए ही वापस लौटना पड़ता है। ऐसे में अगर जिलाधिकारी के स्तर से पहल होती है तो मरीजों को लाभ मिलने की पूरी संभावना है।
विशेषज्ञ के बदले आयुष करते इलाज
सदर अस्पताल के हड्डी रोग विभाग, ईएनटी विभाग, इमरजेंसी सहित कई अन्य विभागों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण कई बार आयुष चिकित्सकों को इलाज करते देखा जाता है। हाल ही में सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा एसएन सत्यार्थी ने भी अपने एक बयान में चिकित्सकों की कमी के बाबत बात कही थी।
विभाग से अनुमोदन जरूरी
तत्कालीन अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने पत्र में साफ कहा है कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति के बाबत समीक्षा कर जिलाधिकारी अपने स्तर से निर्णय ले सकते हैं। हालांकि ऐसे सभी आदेशों की घटनोतर संपुष्टि विभाग के अपर मुख्य सचिव से लेना आवश्यक होगा। इस संदर्भ में जब सिविल सर्जन डा रवि भूषण श्रीवास्तव से पूछा गया तो उन्होंने इस तरह के किसी पत्र के बारे में जानकारी होने से इनकार कर दिया।
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