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    Raxaul Airport: रक्सौल हवाई अड्डे पर आया बड़ा अपडेट, 139 एकड़ नई जमीन का किया जाएगा अधिग्रहण

    Updated: Tue, 10 Jun 2025 06:05 PM (IST)

    पूर्वी चंपारण के रक्सौल एयरपोर्ट से उड़ान का सपना जल्द साकार होगा। कैबिनेट ने 207.70 करोड़ की राशि आवंटित की है। 139 एकड़ नई जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा जिसके लिए एसआईए का कार्य अंतिम चरण में है। 20 जून तक अंतिम रिपोर्ट आने के बाद भूमि अधिग्रहण शुरू होगा। इस एयरपोर्ट से नागरिक सेवाएं शुरू होने पर आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

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    रक्सौल हवाई अड्डे के लिए सामाजिक आर्थिक प्रभाव आकलन का कार्य पूरा (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, मोतिहारी। भारत-नेपाल सीमा पर स्थित पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल एयरपोर्ट से उड़ान के सपनों को पंख लग गए हैं। एयरपोर्ट की राह में भूमि की कमी की समस्या शीघ्र दूर हो जाएगी। कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले के आलोक में 207.70 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई है। एयरपोर्ट अथॉरिटी की ओर से अधियाचना मिलने के बाद एसआईए का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है।

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    11 जून को एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान की टीम अपनी पहली रिपोर्ट सौंपेगी। बताया गया कि 20 जून तक अंतिम रिपोर्ट आने के बाद भूमि का अधिग्रहण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

    बता दें कि पहले से एयरपोर्ट के पास उपलब्ध जमीन के अतिरिक्त 139 एकड़ नई जमीन के अधिग्रहण करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। खेसरा पंजी बनाया जा चुका है।

    पूर्व में हवाई अड्डा के पास 137 एकड़ भूमि उपलब्ध थी। शेष भूमि की उपलब्धता नहीं होने के कारण हवाई अड्डा का मामला लटका था। जिला भू-अर्जन विभाग कार्यालय ने भूमि अधिग्रहण को लेकर कहा कि जल्द ही भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा करते हुए रैयतों के भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।

    नागरिक सुविधाओं के साथ मजबूत होगी आर्थिक स्थिति

    इस एयरपोर्ट के बन जाने के बाद जब नागरिक सेवाएं शुरू होंगी। इसके बाद आसपास के इलाकों के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। वहीं लोगों की सुविधाएं बढेंगी। नेपाल से सटी दोनों देशों की अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे होने के कारण यहां सुरक्षा प्रबंध भी पहले से और मजबूत किए जा सकेंगे।

    बता दें कि इस एयरपोर्ट की स्थापना 1962-63 में भारत-चीन युद्ध के समय किया गया था। तब उद्देश्य था कि युद्ध के दौरान चीन से भाया नेपाल सटने वाली इस सीमा पर भी जरूरत के हिसाब से सेना के विमान उतारे जा सकें।

    लंबे समय बाद केंद्र सरकार ने हवाई सफर के सपनों को साकार करने के लिए उड़ान योजना में इसे शामिल किया। इसके लिए पहले उपलब्ध करीब 137 एकड़ भूमि के अलावा 139 एकड़ जमीन की आवश्यकता बताई गई।

    करीब चार सौ रैयतों की भूमि का होना है अधिग्रहण

    हवाई अड्डा के निर्माण के लिए रक्सौल अंचल के छह गांवों में 139 एकड़ नई जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। भूमि चिह्नित कर उसकी पैमाइश कर खेसरा पंजी तैयार की गई है। छह गांवों में करीब चार सौ रैयतों की जमीन को अधिग्रहित किया जाना है। अधिग्रहण रक्सौल अंचल के चिकनी, सिंहपुर, सिसवा, एकडेरवा, भरतमही व चंदौली गांव में किया जाना है।

    एयरपोर्ट के लिए 139 एकड़ नई जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए एसआईए का कार्य पूरा कर लिया गया है। पहली रिपोर्ट 11 जून को टीम सौंपेगी। 20 को अंतिम रिपोर्ट आने के बाद भू-अर्जन के आगे की कार्रवाई पूरी की जाएगी। - गणेश कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण