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    Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा के दिन बिहार में लिया 'राम' और 'सीता' ने जन्म, बच्चों की किलकारी से गूंजा ये अस्पताल

    सदर अस्पताल के प्रसूता में उपस्थित महिलाएं रामजी के जन्म से जुड़े लोक गीत गाने लगीं। अयोध्या में जब सोमवार को रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की विधि हो रही थी तभी जिले के कई अस्पतालों में बच्चों की किलकारी सुनी जा रही थी। इसी पुनीत घड़ी में सदर अस्पताल में सुमित्रा की बहू अमिशा ने पुत्र को जन्म दिया।

    By Dhiraj Kumar Sanu Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 22 Jan 2024 08:59 PM (IST)
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    प्राण प्रतिष्ठा के दिन बिहार में लिया 'राम' और 'सीता' ने जन्म, बच्चों की किलकारी से गूंजा ये अस्पताल

    धीरज श्रीवास्तव शानू, मोतिहारी। Ayodhya Ram Mandir पकड़ीदयाल के कुंअवा की सुमित्रा देवी फूले नहीं समा रहीं थीं। कह रहीं थी- आज अयोध्या में रामजी पधारे, मेरे घर लला का आगमन हुआ। अब हमारा पोता राम नाम से जग में जाना जाएगा। कहा- हमारे पोते का नाम भी राम होगा। वह अपने नाम को चरितार्थ करे, ऐसी प्रभु से कामना है।

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    अभी सुमित्रा बोल रही थीं कि कानों तक कर्णप्रिय दोहा - ‘भए प्रगट कृपाला दीनदयाला, कौसल्या हितकारी। हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप बिचारी....’ की आवाज आने लगी। इतने में पूरे सदर अस्पताल के माहौल में जय सियाराम, जय-जय सिरायाम .... का जयघोष होने लगा।

    सदर अस्पताल के प्रसूता में उपस्थित महिलाएं रामजी के जन्म से जुड़े लोक गीत गाने लगीं। अयोध्या में जब सोमवार को रामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की विधि हो रही थी, तभी जिले के कई अस्पतालों में बच्चों की किलकारी सुनी जा रही थी। इसी पुनीत घड़ी में सदर अस्पताल में सुमित्रा की बहू अमिशा ने पुत्र को जन्म दिया।

    'जिन दिन रामलला विराजे उसी दिन हमें पुत्री मिली'

    इसी के साथ नवजात की दादी और पिता मुकेश पटेल ने बच्चे को नाम दिया- राम ....! अभी राम नाम की प्रसन्नता का उत्सव मनाया जा रहा था कि एक और नवजात ने जन्म लिया। आत्मिक खुशी देनेवाला यह क्रंदन था- फुलवार गम्हरिया निवासी गुड़िया कुमारी व चंदन कुमार सिंह की सुपुत्री का। दंपती घर में लक्ष्मी रूपी पुत्री के आने से फूले नहीं समा रहे थे। कहा- अयोध्या में रामलला विराज रहे जिस दिन उस दिन हमें पुत्री मिली है। अब यह जानकी के नाम से दुनिया में जानी जाएगी। हमारी बेटी जानकी जैसी चरित्रवान बने, इस निमित उसका नाम जानकी रखा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें उस दिन पुत्री मिली, जब रामलला अपने विग्रह में पांच सौ साल बाद पधार रहे।

    पप्पू साह और नीलम देवी को हुआ पुत्र

    शहर के रानी हास्पिटल में पकड़ीदयाल के महनवा तिवारी टोला निवासी पप्पू साह व नीलम देवी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। अपने दापत्य जीवन में पुत्र रत्न की प्राप्ति पर भावुक दंपती ने कहा- हमारे घर राम आए हैं। अस्पताल की चिकित्सक डा. रूपम कुमारी ने बताया कि यह राष्ट्रीय पुनर्जागरण का दिन है। इस दिन बच्चों को राम-जानकी नाम मिलना परम सौभाग्य की बात है।

    तुलसी के पौधों से ‘राम’-‘जानकी’ के माता-पिता का स्वागतसदर अस्पताल में जिन बच्चों को राम-जानकी नाम मिला उनके माता पिता को अस्पताल प्रबंधक कौशल कुमार दुबे ने पवित्र तुलसी का पौधा भेंट किया। उनके बेहतर जीवन के लिए मंगल कामनाएं की। मौके पर अस्पताल कर्मी विवेक कुमार, रोहित कुमार आदि उपस्थित थे।

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