गांव बसा नहीं, लुटेरे पहले आ गए... मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से 10,000 दिलाने के नाम पर दो हजार वसूली का आरोप
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद जीविका कार्यकर्ताओं द्वारा महिलाओं से ऋण के नाम पर पैसे वसूलने की शिकायत आई है। महिलाओं ने मुखिया को आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई जिसके बाद बीडीओ ने जांच के आदेश दिए हैं। यह मामला बंजरिया प्रखंड के सिसवा पश्चिमी पंचायत का है जहाँ महिलाओं से दस हजार रुपये के ऋण के लिए रिश्वत मांगी जा रही है।

संवाद सहयोगी, बंजरिया (पूर्वी चंपारण)। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक महत्वाकांक्षी महिला रोजगार योजना की घोषणा की है। इसके तहत महिलाओं को मनचाहा व्यापार करने के लिए दस हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की गई है।
पूर्वी चंपारण से मिली शिकायत
अभी इसके बारे में केवल इतनी घोषणा हुई है कि यह राशि जीविका से जुड़ी दीदियों को रोजगार के लिए दी जाएगी। शेष प्रक्रिया के लिए विभाग के स्तर से तैयारी चल ही रही है। इस बीच इसके नाम पर वसूली की शिकायत मिलने लगी है। ताजा मामला पूर्वी चंपारण से जुड़ा है।
मांगे जा रहे एक से दो हजार
शिकायतकर्ता का कहना है कि जीविका सीएम द्वारा दीदियों व अन्य महिलाओं से ऋण दिलाने के नाम पर एक से दो हजार रुपये की वसूली शुरू कर दी गई है। पैसे के लिए दिए जा रहे दबाव को लेकर महिलाओं ने मुखिया को एक आवेदन देकर उक्त शिकायत दर्ज कराई है।
मुखिया ने बीडीओ से की शिकायत
इसके बाद मुखिया माया देवी ने इसकी शिकायत बीपीएम, बीडीओ व डीपीएम से की। मामला प्रखंड की सिसवा पश्चिमी पंचायत का है। बीडीओ अजय कुमार प्रिंस ने बताया कि आवेदन प्राप्त हुआ है। आवेदन को बीपीएम को अग्रसारित करते हुए जांच कर अग्रेतर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है।
कई महिलाओं ने मुखिया को बताई परेशानी
इस संबंध में मुखिया माया देवी ने बताया कि गुरुवार की सुबह सैकड़ों महिलाएं उनके दरवाजे पर आकर जीविका के सीएम द्वारा दस हजार रुपये दिलाने के नाम पर एक से दो हजार रुपये रिश्वत की मांग करने की शिकायत की। इसके लिए महिलाओं ने उन्हें एक आवेदन भी दिया है।
शिकायत करने वाली महिलाओं में कबूतर देवी, लालमति देवी, लालपरी देवी, मुरत देवी, मेनका देवी, आयशा खातून अम्बैया खातून, शारदा देवी, प्रतिभा देवी, शोभा देवी, ललिता देवी, मिक्की कुमारी, तेतर देवी आदि कई शामिल थीं।
क्या है योजना
मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। इस योजना के तहत, प्रत्येक परिवार की एक महिला को अपना रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी। यदि उनका व्यवसाय सफल होता है, तो 6 महीने बाद उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जा सकती है।
योजना के मुख्य बिंदु:
- लक्ष्य: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके परिवार की आय में वृद्धि करना।
- पात्रता: बिहार की स्थायी निवासी महिलाएं जिनकी उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच है और जो आयकर दाता नहीं हैं।
- आवेदन प्रक्रिया: आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से लिए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में ऑफलाइन आवेदन लिए जाएंगे, जबकि शहरी क्षेत्रों में ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
- आवश्यक दस्तावेज: आधार कार्ड, स्थाई निवास प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर और जीविका स्वयं सहायता समूह से जुड़ने का प्रमाण।
- लाभ: महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना, परिवार की आय में वृद्धि करना और स्वरोजगार और उद्यमिता को बढ़ावा देना।
योजना के लिए महत्वपूर्ण तिथियां:
- आवेदन प्रक्रिया शुरू होने की तिथि: सितंबर 2025 से
- पहली किस्त का भुगतान: सितंबर 2025 के अंतिम सप्ताह से
योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य बिहार की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है और उन्हें अपने परिवार और राज्य के विकास में योगदान देने में सक्षम बनाना है।
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