अन्नदाता का यह हाल...तुरकौलिया में यूरिया के लिए मध्यरात्रि से लाइन लगा रहे किसान, बावजूद लौट रहे खाली हाथ
तुरकौलिया में यूरिया खाद की कमी से किसान परेशान हैं। रात भर लाइन में लगने के बाद भी खाद नहीं मिल रहा। इफको बाजार में खाद कम होने से हंगामा हो रहा है। प्रशासन की मौजूदगी में वितरण हुआ फिर भी कई किसान खाली हाथ लौटे। कृषि पदाधिकारी ने जल्द ही और खाद आवंटन होने की बात कही है।

संवाद सहयोगी, तुरकौलिया (पूर्वी चंपारण)। East Champaran News: किसानों के लिए सार्वजनिक मंच से चाहे कितनी भी बातें कर ली जाएं, किंतु हकीकत में अब भी उनके सामने बहुत सी परेशानी है। यूरिया ही नहीं मिल रहा।
प्रखंड क्षेत्र में यूरिया की किल्लत होने से किसानों के बीच हाहाकार मचा है। खाद नहीं मिलने से किसान परेशान हैं। खाद के लिए मध्य रात्रि से ही किसान बोरिंग चौक स्थित इफको बाजार में लाइन लगाने के लिए बीते एक सप्ताह से पहुंच रहे हैं और शाम को खाली हाथ घरों को लौट रहे हैं।
इफको बाजार के काउंटर के सामने अपने जुता-चप्पल और ईट-पत्थर रखकर लाइन लगाते हैं। ताकि सुबह होते ही लाइन में खड़े होकर खाद ले सके, लेकिन सुबह होते ही इफको बाजार पर करीब एक से दो हजार और किसान पहुंच जाते हैं। जिस कारण खूब हल्ला हंगामा होता है।
खाद नहीं मिलने से निराश किसान शाम में वापस चले जाते हैं। यह सिलसिला कई दिनों से जारी है। इस बीच दो तीन दिल पहले जैसे ही इफको बाजार पर खाद पहुंचा तो खाद लेने के लिए किसानों की भीड़ भी उमड़ पड़ी, लेकिन हंगामा होने के डर से खाद वितरण नहीं किया गया और प्रशासन से सुरक्षा की मांग की गई।
अनंत चतुर्दशी पर्व पर डाकबम में प्रशासन व्यस्त था। शनिवार को प्रशासन की मौजूदगी में खाद वितरण किया गया। लेकिन करीब दो-तीन हजार किसान पहुंचे थे और आवंटन केवल 15 सौ बोरा ही मिला था। सभी किसानों को खाद नहीं मिल पाया।
खाद मिलने के आस में दिनभर चिलचिलाती धूप में बुजुर्ग और महिला किसान किसान लाइन में खड़े रहे। दिनभर खूब हंगामा होते रहा। कुछ लोगों को यूरिया मिला और बाकि किसान अपने भाग्य को कोसते हुए वापस लौट गए।
प्रखंड कृषि पदाधिकारी कमलदेव प्रसाद ने बताया कि दो-तीन के अंदर फिर आवंटन आने वाला है। किसानों को कोई परेशानी नही होगी। जिले में पर्याप्त मात्रा में आवंटन उपलब्ध है। तुरकौलिया में इफको बाजार को छोड़कर 14 अन्य दुकानदारों को भी खाद आवंटित किया गया था। दुबारा भी कुछ दुकानदारों को खाद आवंटित किया जा रहा है। किसानों को परेशान होने की जरूरत नही है।
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