बिहार की इस सीट पर नए चेहरों में ही मुकाबला, विकास की उम्मीद लगाए हैं लोग
Bihar Assembly Election 2025: मोतिहारी के सुगौली विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनाव में सभी नए चेहरे हैं, जिससे लोगों को विकास की उम्मीद है। बूढ़ी गंडक नदी की तबाही और किसानों की समस्या यहां के प्रमुख मुद्दे हैं। यह क्षेत्र भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी है। अब देखना है कि कौन लोगों के दर्द को समझकर उनका नायक बनता है।

सत्येंद्र कुमार झा, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। Bihar Assembly Election 2025: इस भूमि को संधि भूमि के नाम से भी जानते हैं। भारत व नेपाल के सीमा का निर्धारण में इस भूमि का अहम योगदान रहा है 1816 में ब्रिटिश हुकूमत व नेपाल के बीच में हुए संघर्ष के बाद यह स्थल संधि का गवाह बना था।
दोनों देशों की ओर से पंचमुखी शिवलिंग की स्थापना की गई थी। युग्म पंचमुखी शिवलिंग आज भी यहां इसकी गवाही दे रहा है। कभी बेतिया राज के अधीन आने वाला यह शहर ग्रीष्मकालीन राजधानी भी हुआ करता था। महारानी जानकी कुंअर का भी यहां प्रवास होता था।
इसके ऐतिहासिक महत्व की पहचान मिलने लगी है। इस स्थल को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य हुए हैं। लेकिन बूढ़ी गंडक की तबाही केवल किनारे के लोग ही नहीं यहां की आधा से अधिक आबादी को झेलनी पड़ती है।
किसानों की किसानी हर साल यहां दम तोड़ती है। कटाव लोगों के आशियाना छीनता है। बेवश लोग इस परेशानी को अकेले झेलते हैं। मौसम चुनाव का है तो सबकी अपनी-अपनी बात होगी।लोगों की शिकयात के साथ अपेक्षा भी।
लेकिन इस बार लोगों को शिकायत का मौका नहीं मिलेगा। कारण पुराने चेहरे की जगह सभी नए हैं। पांच में पांच नए चेहरे। लोगों को अब इनपर विकास की उम्मीद आकर टिक गई है।
जो भी लोगों के दर्द को समझ पाएगा वहीं इस क्षेत्र का नायक बनकर सामने आएगा। दो प्रखंड सुगौली व रामगढ़वा को मिलाकर बना यह विधानसभा पश्चिम चंपारण लोकसभा क्षेत्र में आता है।
भारत व नेपाल को सड़क व रेलमार्ग से जोड़ने में दोनों प्रखंड अपनी अहम भूमिका भी निभाते हैं। इस क्षेत्र ने प्रतिनिधित्व का सबको मौका दिया।
कांग्रेस, जनसंघ के साथ निर्दलीय भी यहां से चुनाव जीते। वाम दल तीन बार, भाजपा तीन बार व राजद एक यहां जीत दर्ज की। पूर्वी चंपारण का इकलौता चीनी मिल किसानों के लिए संजीवनी जैसा है। बाढ़ से जब धान की फसल बर्बाद होती है तो किसानों को गन्ना की खेती राहत देती है।
ग्रामीण सड़कें बनती है, पर बाढ़ के कारण जल्द टूटती भी है। गांवों में अभी भी सड़कों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। टूटी सड़कें उन्हें परेशान करती है। बिजली की सुविधा जरूर है। लेकिन नल का शुद्ध जल नियमित नहीं मिलता।
अब तक के जनप्रतिनिधि :
- 1952 : जयनारायण प्रसाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1957 : जयनारायण प्रसाद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1962 : विद्याकिशोर विद्यालंकार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1967 : मोहन लाल मोदी, भारतीय जनसंघ
- 1969 : बदरी नारायण झा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1972 : अजीजुल हक, सोशलिस्ट पार्टी
- 1977 : रामाश्रय सिंह, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
- 1980 : रामाश्रय सिंह, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
- 1985 : सुरेश कुमार मिश्रा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
- 1990 : रामाश्रय सिंह, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी
- 1995 : चंद्रशेखर द्विवेदी, स्वतंत्र
- 2000 : विजय प्रसाद गुप्ता : कोसल पार्टी
- 2005 : विजय प्रसाद गुप्ता : राजद
- 2005 : रामचंद्र सहनी, भाजपा
- 2010 : रामचंद्र सहनी, भाजपा
- 2015 : रामचंद्र सहनी, भाजपा
- 2020 : शशिभूषण सिंह- राजद
सुगौली विधानसभा: एक नजर
- कुल मतदाता : 282960
- पुरुष : 150833
- महिला : 132116
- मंगलामुखी मतदाता : 11
- बुजुर्ग मतदाता : 2373
- दिव्यांग : 2563
- पहली बार वोट देंगे
- कुल : 5025
- पुरुष : 3541
- महिला : 2220
2010 का चुनाव परिणाम
- रामचंद्र सहनी (भाजपा) : विजेता
- कुल प्राप्त मत : 39021
- उप विजेता : विजय प्रसाद गुप्ता- राजद
- कुल प्राप्त मत : 26642
- जीत का अंतर : 12369
2015 का चुनाव परिणाम
- रामचंद्र सहनी (भाजपा) : विजेता
- कुल प्राप्त मत : 62384
- उप विजेता : ओमप्रकाश चौधरी, राजद
- कुल प्राप्त मत : 54628
- जीत का अंतर : 7756
2020 का चुनाव परिणाम
- शशिभूषण सिंह (राजद) : विजेता
- कुल प्राप्त मत : 65267
- उप विजेता : रामचंद्र सहनी
- कुल प्राप्त मत : 61820
- जीत का अंतर : 3447

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।