बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी ने नहीं बिगड़ने दी किसानों की अर्थव्यवस्था
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री सह स्थानीय सांसद व रेलवे स्टैंडिग कमेटी के चैयरमैन राधामोहन सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस के इस युद्ध में देश की आर्थिक व् ...और पढ़ें

मोतिहारी । पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री सह स्थानीय सांसद व रेलवे स्टैंडिग कमेटी के चैयरमैन राधामोहन सिंह ने कहा है कि कोरोना वायरस के इस युद्ध में देश की आर्थिक व्यवस्था पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। कृषि अर्थव्यवस्था पर भी विशेष असर पड़ा है। बावजूद इसके मोतिहारी में बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी अपने कार्य क्षेत्र के 1037 गांवों में 1250 दूध संकलन केन्द्रों का संचालन करते हुए अधिकतम एक लाख 5 हजार लीटर का संकलन कर रही है, जिसमें 51,819 दूध उत्पादक सदस्य जुड़े हुए हैं। इन सदस्यों में से 58 प्रतिशत महिला सदस्यों की भागीदारी है जो सराहनीय है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार अंतिल को भेजे अपने संदेश में उन्होंने इसके लिए उन्हें साधुवाद दिया है। साथ ही दुग्ध संकलन केन्द्रों एवं इसकी व्यवस्था को नियंत्रित करने में लेग अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए एक-एक मास्क एवं डिटॉल साबुन उपलब्ध कराया है। उन्होंने दुग्ध संकलन केन्द्रों पर सामाजिक दूरी बनायें रखने तथा दुग्ध उत्पादकों से गमछा या साफ कपड़े से मुंह ढ़ककर रखने की अपील की। श्री सिंह ने कहा कि पारदर्शिता, गुणवत्ता आधारित उचित मूल्य, समय पर भुगतान और क्षमता निर्माण इसकी वृद्धि की आधारशिला रहे हैं। किसानों को दूध की गुणवत्ता आधारित अधिकतम 55 रुपये प्रति लीटर तक मिल रहा है। दूध की कीमत विधिवत रूप से उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जा रही है, जो हर महीने 10 दिन अर्थात 3, 13 और 23 वें दिन के अंतराल पर लगभग नौ करोड़ प्रति माह सदस्यों के बैंक खाते में भेजा जा रहा है। साथ ही प्रतिवर्ष 1600 मीट्रिक टन पशु आहार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी द्वारा अक्टूबर 2017 से अब तक लगभग 148 करोड़ रूपये का भुगतान क्षेत्र के सदस्य दूध उत्पादकों के खाते में सीधे किया गया है, जिससे किसानों की सामाजिक आर्थिक स्थिति में बड़ा परिवर्तन देखा जा सकता है। यहां बता दें कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड डेयरी सर्विसेस ने 2 अक्टूबर 2017 से बापूधाम मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड को राज्य के 3 जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण व गोपालगंज के दुग्ध उत्पादक किसानों के विकास के लिए बढ़ावा दिया। बाद में मोतिहारी में मदर डेयरी प्रोसेसिग प्लांट की भी स्थापना की गई।
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