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    पीएफआइ पर बैन लगने से बिहार के सीमावर्ती इलाकों में देशविरोधी गतिविधियों पर लगेगी लगाम

    देश में पीएफआइ पर बैन लगाए जाने से नेपाल सीमावर्ती इलाकों में देशविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगने की संभावना जताई जा रही है। वहीं इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस व प्रशासन को और अधिक बल मिलेगा।

    By JagranEdited By: Ajit kumarUpdated: Thu, 29 Sep 2022 10:48 AM (IST)
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    गांधी मैदान में बाबरी मस्जिद तोड़े जाने से संबंधित विवादित पोस्टर भी लगाया था। फाइल फोटो

    मोतिहारी (पूर्वी चंपारण), संवाद सहयोगी। देश में पीएफआइ पर बैन लगाए जाने से नेपाल सीमावर्ती इलाकों में देशविरोधी गतिविधियों पर लगाम लगने की संभावना जताई जा रही है। वहीं इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने में पुलिस व प्रशासन को और अधिक बल मिलेगा। संगठन से जुड़े लोग आंदोलन व रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से देशविरोधी गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकेंगे। यहां बता दें कि हाल के वर्षों में चम्पारण में भी इस संगठन का विस्तार हो रहा था। इस संगठन से जुड़े चकिया के रेयाज व सुल्तान नामक दो युवकों की तलाश में यहां एनआइए भी दबिश दे चुकी है।

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    लाठी चलाने का प्रशिक्षण

    फिलहाल ये दोनों फरार बताए जा रहे हैं मगर सुरक्षा एजेंसियां इनकी गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। पटना के फुलवारीशरीफ में पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के कार्यालय में जेहादी दस्ता तैयार करने व संदिग्ध लोगों को प्रशिक्षण दिए जाने की सूचना पर पटना पुलिस द्वारा की कार्रवाई में जिले के चकिया थाना क्षेत्र के कुंअवा निवासी रेयाज मोहम्मद आरिफ उर्फ बबलू और इमादपट्टी नया टोला निवासी सुल्तान उस्मान खान का भी नाम आया था। उस्मान चकिया के गांधी मैदान में पीएफआइ से जुड़े लोगों को लाठी चलाने का प्रशिक्षण देता था। वही चकिया के गांधी मैदान में बाबरी मस्जिद तोड़े जाने से संबंधित विवादित पोस्टर भी लगाया था। दोनों मिलकर जिले में पीएफआई को विस्तार दे रहे थे। पटना में बरामद दस्तावेजों से भी यह खुलासा हुआ था कि चम्पारण में पूर्वी चम्पारण के ढाका, पश्चिम चम्पारण के लौरिया व नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्रों में भी संगठन का विस्तार चल रहा था, जिसकी जिम्मेवारी रेयाज को दी गई थी। इन तीनों विधानसभा क्षेत्रों में 2023 से संगठन का विस्तार करना था। इस कड़ी में एनआइए की टीम रेयाज के घर पहुंची थी और उसके स्वजनों से पूछताछ के बाद लौट गई थी। इसके बाद चकिया थाने की पुलिस भी पीएफआई के राज्य सचिव रेयाज व सुल्तान के घर पर पहुंची थी।

    यहां से भी हुई थी गिरफ्तारी

    सुल्तान चकिया में 2020 में हुए दंगाकांड का भी आरोपित है। सुल्तान ने प्रशिक्षण देने का वीडियो भी अपने फेसबुक एकाउंट से वायरल किया था। सुल्तान सहित 26 लोगो पर फलवारीशरीफ थाना में प्राथमिकी दर्ज है। दोनों अब भी पुलिस पकड से बाहर हैं। यहां बता देंं कि पटना के गांधी मैदान में 28 अक्टूबर 2013 को नरेन्द्र मोदी की सभा के दौरान बम विस्फोट में भी जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र के अलौला गांव निवासी अरशद उर्फ दालिम को गिरफ्तार किया गया था।