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    Gen-Z Protest: पशुपतिनाथ दर्शन की इच्छा रही अधूरी, नेपाल सीमा से वापस लौटे आंध्र प्रदेश के पर्यटक

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 11:28 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम से आए श्रद्धालुओं का एक दल नेपाल में जेन-जी आंदोलन के कारण पशुपतिनाथ के दर्शन नहीं कर पाया। वे बैद्यनाथ धाम से नेपाल जा रहे थे लेकिन आंदोलन की वजह से रक्सौल से ही वापस लौट गए। अब वे वाराणसी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे और बाद में नेपाल जाने की योजना बनाएंगे।

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    नेपाल सीमा से वापस लौटे आंध्र प्रदेश के पर्यटक। फोटो जागरण

    लक्ष्मीकांत त्रिपाठी, रक्सौल। आस्था का सागर ... नेपाल में जारी जेन-जी आंदोलन की आग ... और बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन की अभिलाषा मन में लिए पहुंचे भारत-नेपाल सीमा पर पहुंचे आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के श्रद्धालुओं को बुधवार की सुबह वापस लौटना पड़ा।

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    मन में दर्शन न कर पाने की पीड़ा लिए श्रद्धालुओं ने लौटने के वक्त कहा- अब वाराणसी स्थित बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर घर लौटेंगे। आगे फिर जब स्थिति सामान्य होगी तब बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन करेंगे।

    बताया - आंध्र प्रदेश विशाखापत्तनम से चौबीस सदस्यीय श्रद्धालुओं का दल झारखंड स्थित बैद्यनाथ धाम में महादेव पर जलाभिषेक कर मिथिला एक्सप्रेस से मंगलवार को नेपाल जाने के लिए जसीडीह से चले।

    रक्सौल की ओर करीब आधी दूरी तय करने के बाद नेपाल में चल रहे जेन-जी आंदोलन की सूचना मिली। काठमांडू से शुरू हुए प्रदर्शन की तस्वीरें व वीडियो इंटरनेट मीडिया पर देखने के बाद मन विचलित होने लगा।

    यह डर सताने लगा कि अब पशुपतिनाथ और मुक्तिनाथ कैसे पहुंच पाएंगे। इसी जद्दोजहद के बीच मिथिला एक्सप्रेस ट्रेन नेपाल के सीमावर्ती शहर रक्सौल स्टेशन पर पहुंच गई। तब पर्यटकों ने किसी तरह सुरक्षित ठिकाना तलाशा।

    फिर मंगलवार की रात रक्सौल के एक आवासीय होटल पहुंचे। देर संध्या तक नेपाल की स्थिति में बदलाव नहीं हुआ। जेन जी प्रदर्शनकरियों में आंदोलन उग्र होता देख पर्यटकों ने अपना रूट बदला।

    रातभर रक्सौल में रुककर सुबह मन से बाबा पशुपतिनाथ को प्रणाम कर उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित बाबा विश्वनाथ के दर्शन को निकल गए।

    पर्यटकों में शामिल वरदान कुमार, सतीश, प्रसाद कुमार, लक्ष्मीनारायण, शिवशंकर आदि ने बताया कि हमलोग सरकारी कर्मचारी हैं। बहुत मुश्किल से समय निकाल भारत दर्शन को निकले हैं।

    बाबा बैद्यनाथ धाम से सीधा नेपाल के प्रमुख स्थल मनोकामना, मुक्तिनाथ, पशुपतिनाथ के दर्शन को चले थे। मन में यह पीड़ा रह गई कि बाबा के दर्शन नहीं हुए। अब छह माह बाद भी फिर प्लान बना पाएंगे।

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