पूर्वी चंपारण की बेटी ने Hanuman Chalisa को दुनिया में एक खास स्थान दिलाने का लिया संकल्प, 234 भाषाओं में किया अनुवाद
East Champaran News मोतिहारी की 14 वर्षीय आराध्या ने हनुमान चालीसा का 234 भाषाओं में अनुवाद करके सबको चौंका दिया है। नौवीं कक्षा की छात्रा आराध्या ने इस कार्य के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया है। आराध्या का लक्ष्य इस उपलब्धि को गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराना है। उन्होंने कवर पेज को 28 भारतीय राज्यों की पेंटिंग से सजाया है।

जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। East Champaran News : कुछ नया, अलग और बेहतर करने की चाह हो तो राह निकल ही आता है। इसमें उम्र, समय और परिस्थितियां भी आड़े नहीं आतीं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मोतिहारी की रहने वाली 14 वर्षीया आराध्या ने।
नौवीं कक्षा की छात्रा आराध्या ने हनुमान चालीसा को दुनिया की 234 भाषाओं में अनुवाद कर सबको चौंकाया है। पिता मनोज कुमार सिंह उर्फ पप्पू व्यवसायी हैं। जबकि माता रानी सिंह शिक्षिका हैं। चार बहनों में सबसे छोटी आराध्या को इस कार्य के लिए माता-पिता से भी भरपूर प्रोत्साहन मिला है।
फिलहाल अनुवाद की यह कापी आनलाइन पीडीएफ फार्मेट में उपलब्ध होगी। लेकिन इसके प्रकाशन की भी तैयारी है। आराध्या ने हनुमान चालिसा को अंग्रेजी स्पेनिस, जापानी, पुर्तगाली, कोरियन, ग्रीक, पंजाबी, मराठी, स्वाती सहित 234 भाषाओं में अनुवाद किया है।
इसके लिए उन्होंने आधुनिक तकनीक का भी उपयोग किया है। आराध्या ने बताया कि अनुवाद के लिए हनुमान चालीसा के प्रत्येक शब्द को बारीकी से चेक कर अनुवाद किया है। उनका लक्ष्य इसे गिनिज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी दर्ज कराना है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब छह माह का समय लगा है।
आराध्या की चाह रही है कि भारतीय संस्कृति को विदेशों में भी पहचान मिले। इस अनुवाद के कवर पेज को उन्होंने भारत के 28 राज्यों की पेंटिंग से सजाया है। जबकि कवर पेज पर बिहार की सुप्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग से बार्डर बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान जिन्हें वे अपना बड़ा भाई मानती हैं, ने भी इस कार्य के लिए प्रोत्साहित करते हुए हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया है। आराध्या प्रधानमंत्री बाल पुरस्कार के लिए भी आवेदन करने वाली हैं।
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