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आवारा पशुओं के सामने लाचार नगर परिषद

मोतिहारी। आवारा पशु मोतिहारी नगर परिषद क्षेत्र की पहचान बन गए हैं। सड़क पर इनका साम्राज्य इस कदर है क

By Edited By: Published: Wed, 20 Apr 2016 11:14 PM (IST)Updated: Wed, 20 Apr 2016 11:14 PM (IST)
आवारा पशुओं के सामने लाचार नगर परिषद

मोतिहारी। आवारा पशु मोतिहारी नगर परिषद क्षेत्र की पहचान बन गए हैं। सड़क पर इनका साम्राज्य इस कदर है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था इनकी मर्जी से चलती है। इनके सामने नगर परिषद प्रशासन ने भी घुटने टेक दिए हैं। आप चाहें जिस सड़क से गुजरें आपका सामना आवारा पशुओं से होना तय है। आवारा पशुओं के कारण लोग जाम की समस्या प्रतिदिन झेलते हैं। सबसे बड़ी समस्या तब उत्पन्न होती है जब किसी आक्रामक या नाराज पशु से सामना हो जाए। कई बार तो सड़क पर चलने वाले इससे घायल भी हो जाते हैं। नगर परिषद प्रशासन ने पिछले साल एक अभियान जरूर चलाया था। इसमें दर्जनों आवारा पशुओं को पकड़ा गया था। पशु के मालिकों से जुर्माना की वसूला गया, लेकिन अभियान के रुकते ही फिर से वही हालात हो गए। सड़क पर आवारा घूमने वाले पशुओं में गाय, भैंस, बैल, भैसा आदि की संख्या अधिक है। बता दें कि आम तौर पर दूध दुहने के बाद पशुपालक गाय व भैंस को सड़क पर खुला छोड़ देते हैं। शाम को पशु की वे खोजबीन करते हैं।

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आवारा पशुओं का यहां लगता है जमावड़ा

वैसे तो शहर की हर सड़क पर आवारा पशुओं को देखा जा सकता है। वहीं कुछ खास स्थान पर इनकी तादात अधिक होती है। फलस्वरूप वहां आवागमन भी प्रभावित होता है। छतौनी चौक, गांधी चौक, मधुबन छावनी चौक, स्टेशन चौक, डाकबंगला चौक, नगर थाना चौक आदि स्थल पर समूह में आवारा पशुओं को देखा जा सकता है। खासकर शाम के वक्त वे सड़क के बीचोबीच खड़े हो जाते हैं।

पिछले अभियान में पकड़े गए थे 105 आवारा पशु

नगर प्रशासन ने पिछले साल चलाए गए अभियान में 105 आवारा पशुओं को पकड़ा था। इनके मालिकों से दो हजार रुपये दंड की वसूली कर उन्हें इस हिदायत के साथ पशुओं को वापस किया गया था कि वे इन्हें घर पर ही बांधकर रखेंगे। हालांकि अभियान के बंद होते ही फिर पुरानी स्थिति बरकरार हो गई। नगर परिषद प्रशासन की शिथिलता से दो से तीन माह अभियान चलने के बाद बंद हो गया। यह अभियान भी काफी दबाव के बाद चला था। आवारा सांड़ के हमलावर होने के कारण लोगों के घायल होने की बढ़ी संख्या के बाद नगर प्रशासन ने अभियान चलाया था। सांड़ को पकड़कर बाल्मीकिनगर जंगल में भेजने के बाद अभियान रुक गया। बता दें कि आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए अभी तक कोई अभियान नहीं शुरू किया गया है और न आगे इस प्रकार की नगर परिषद प्रशासन की कोई योजना है।

काजी हाऊस की जमीन पर अतिक्रमण

आवारा पशुओं को रखने के लिए काजी हाऊस शहर में नहीं है। इससे अभियान में पकड़े गए पशुओं को गौशाला में मजबूरीवश रखना पड़ता है। काजी हाऊस के लिए नगर परिषद की अपनी जमीन है, पर उसपर अवैध रूप से अतिक्रमण होने के कारण इसका उपयोग नहीं हो रहा है।

वर्जन :

आवारा पशुओं को पकडऩे के लिए रणनीति बनाई जा रही है। शीघ्र ही अवारा पशुओं से शहरवासियों को निजात दिलाई जाएगी।

- प्रकाश अस्थाना

मुख्य पार्षद, नगर परिषद

आवारा पशुओं के लिए पिछले साल चलाए गए अभियान को इसलिए रोकना पड़ा कि कार्यपालक पदाधिकारी इसको लेकर उदासीन रहे। एक बार फिर योजना बनायी जा रही है। जल्द ही अभियान चलाकर सड़क पर आवारा घूमने वाले पशुओं को पकड़ा जाएगा।

मोहिबुल हक, उप मुख्य पार्षद, नगर परिषद


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