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    पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का दरभंगा व समस्तीपुर जिले में होगा विस्तार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 30 Apr 2022 01:18 AM (IST)

    दरभंगा। सूबे के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का विस्तार कर दरभंगा और समस्तीपुर जिले के नए ...और पढ़ें

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    पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का दरभंगा व समस्तीपुर जिले में होगा विस्तार

    दरभंगा। सूबे के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि पश्चिमी कोसी नहर परियोजना का विस्तार कर दरभंगा और समस्तीपुर जिले के नए क्षेत्रों में सिचाई सुविधा उपलब्ध कराने पर विचार चल रहा है। इसके लिए विस्तृत योजना प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है। नहर प्रणाली में भविष्य में 1193 क्यूसेक अतिरिक्त जलश्राव के साथ लगभग 48,300 हेक्टेयर नए क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। वह शुक्रवार को दरभंगा में बाढ़ सुरक्षा से जुड़ी कई योजनाओं के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।

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    मंत्री संजय झा ने कहा कि मिथिला में बाढ़ के प्रभाव और इससे होने वाले नुकसान को कम करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर विभाग तत्परता से काम कर रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने सात निश्चय पार्ट-टू में बिहार के हर खेत तक सिचाई के लिए पानी पहुंचाने की घोषणा की है। इसके लिए जल संसाधन सहित पांच विभागों की टीमों ने राज्य में तकनीकी सर्वे कराया है। इसमें हजारों योजनाओं का चयन किया गया है, जिनसे राज्य के 7 लाख 79 हजार हेक्टेयर नए क्षेत्रों में सिचाई की सुविधा उपलब्ध होने की संभावना बन रही है। इन योजनाओं में आहर-पईन, जल अधिशेष क्षेत्र से पानी उठा कर उसे पानी की कमी वाले क्षेत्र में ले जाना, चेक डैम, एण्टी फ्लड स्लुईस, नहरों का पुनस्र्थापन, विस्तारीकरण, नलकूप आदि प्रकार की योजनाएं हैं, जिनके क्रियान्वयन के लिए संबंधित पांचों विभागों द्वारा जरूरी प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है और हर खेत तक सिचाई का पानी पहुंचने से राज्य में कृषि क्रांति आएगी। किसानों की आमदनी बढ़ेगी। विकास को नई रफ्तार मिलेगी।

    कहा कि अति महत्वाकांक्षी पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के शेष कार्यों को पूरा करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। 1971 में शुरू हुई पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के अंतिम चरण के सात निर्माण कार्यों का शिलान्यास मुख्यमंत्री ने नवंबर 2019 में मधुबनी में किया। इसके अंतर्गत दो-तीन दशक पहले बनी नहरों में गाद सफाई के साथ क्षतिग्रस्त नहर बांधों एवं जीर्ण-शीर्ण संरचनाओं का पुनस्र्थापन कार्य तथा अधूरी नहर प्रणाली का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। इसे मार्च 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। परियोजना के पूर्ण होने से मधुबनी और दरभंगा जिले में 2 लाख 65 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधा मिलेगी।

    बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए छोटी नदियों को जोड़ा जाएगा

    मंत्री ने बताया कि 'इंटर लिकिग आफ रिवर्स' के स्थान पर 'इंट्रालिकिग आफ रिवर्स' का कांसेप्ट बिहार ने ही दिया है। राज्य सरकार केंद्रीय संस्था राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण (एनडब्लूडीए) की सहभागिता में प्रदेश की पांच से छह नदी जोड़ योजनाओं (इंटरलिकिग) का प्रारूप विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। बिहार सरकार के अनुरोध पर एनडब्लूडीए इंट्रा स्टेट रिवर लिकिग के तहत बिहार की बागमती गंगा लिक, बूढ़ी गंडक नून बाया गंगा लिक और बागमती बूढ़ी गंडक लिक योजना की संभाव्यता पर पुनर्विचार कर रहा है। प्रदेश की छोटी-छोटी नदियों को जोड़ने के लिए राज्य सरकार अपने संसाधनों से उत्तर बिहार में बागमती, कमला एवं कोसी बेसिन और दक्षिण बिहार में पुनपुन, किउल-हरोहर बेसिन में छोटी नदियों को आपस में जोड़ते हुए इन क्षेत्रों की बाढ़ की समस्या को दूर करने और सिचाई क्षमता सृजन की संभावनाओं का पता लगा रही है।