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    Darbhanga : पेड़ों की रखवाली नदारद, सड़कों किनारे हरियाली हो रही गायब

    By Shailendra Kumar Jha Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 05:57 PM (IST)

    बेनीपुर और बिरौल अनुमंडल क्षेत्र का वन प्रक्षेत्र कार्यालय समस्याओं से घिरा है। कर्मियों की अनदेखी के कारण वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों की सुरक्षा न ...और पढ़ें

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    वन प्रक्षेत्र के पौधशाला में रखीं लकड़ियां।

    संवाद सहयोगी, बेनीपुर (दरभंगा)। बेनीपुर एवं बिरौल अनुमंडल क्षेत्र का एकलौता वन प्रक्षेत्र कार्यालय बेनीपुर समस्याओं के मकड़जाल में फंसा है। इस कार्यालय के कर्मियों की अनदेखी के कारण दोनों अनुमंडल के सभी प्रखंडों में वन विभाग द्वारा लगाए गए पेड़ों की सुरक्षा नहीं हो पा रही है।

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    बेनीपुर-दरभंगा, आशापुर-अलीनगर, बहेड़ा- बहेड़ी, बेनीपुर -कुशेश्वरस्थान, अलीनगर - घनश्यामपुर मुख्य पथ के दोनों किनारे जगह जगह पर लगे हरे वृक्षों को ठंड के मौसम में लोगों द्वारा चोरी छिपे ढंग से काटा जा रहा है। दोनों अनुमंडल के लिए दो वनपाल का पद स्वीकृत है, लेकिन वर्तमान में एक वनपाल के रूप में श्वेता मिश्रा कार्यरत हैं।

    वही सभी प्रखंडों के लिए वर्तमान में पांच वनरक्षी मनीष कुमार,आहुति कुमारी , पवन कुमार , संगीता कुमारी, एवं जय कुमार पदस्थापित हैं। वन सुरक्षा श्रमिक के रूप में 40 कैटल गार्ड सभी प्रखंडों में तो हैं लेकिन इन सुरक्षा श्रमिकों से पौधों की सुरक्षा नहीं हो पा रही है।

    दोनों अनुमंडल के वनों की रक्षा के लिए बेनीपुर में वन प्रक्षेत्र कार्यालय खोला गया लेकिन इस कार्यालय में वन क्षेत्र पदाधिकारी हेमचन्द्र मिश्रा अपने कार्यालय में बहुत कम बैठते हैं। साहब के नहीं आने के कारण स्थानीय लोग उन्हें बराबर खोजते रहते हैं।कार्यालय के अलावा वन विभाग का एक पौधशाला भी है और इस पौधशाला में विभिन्न तरह के 40 हजार पौधे हैं ।

    वनपाल का कहना है कि कृषि वानिकी योजना के तहत सैकड़ों किसानों को पौधै दिए गए हैं। सरकार के निर्देशानुसार जीविका दीदियों को भी पौधे दिए गए हैं। सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों में पौधे लगाए गए हैं। पौधशाला प्रांगण में बना एक खपरैल कमरा जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।

    पौधशाला प्रांगण में लाखों रुपये की विभिन्न तरह की लकड़ियां रखी हुई है। बताया जाता है कि पहले दो बार बोली लगाकर लकड़ी को बेचा जा चुका है। लेकिन अभी भी इस पौधशाला केंद्र पर लाखों रुपये की लकड़ियां प्रशासनिक उदासीनता के कारण नष्ट हो रही हैं।

    दोनों अनुमंडल में आधा दर्जन से अधिक आरा मिलें अवैध रूप से संचालित हैं। बिना लाइसेंस के इन आरा मिल के मालिकों से प्रतिमाह नाजायज रकम की वसूली की जा रही है।

    कार्यालय में किरानी, चपरासी का घोर अभाव है। वे दो जगह के प्रभार में रहने के कारण बेनीपुर कार्यालय में दो दिन पर जरूर आते हैं। दोनों अनुमंडल में 40 कैटल गार्ड पदस्थापित हैं।
    --हेमचंद्र मिश्र,वन क्षेत्र पदाधिकारी।