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    एक तरफ बुलडोजर, दूसरी तरफ कब्जा, दरभंगा में कार्रवाई बनाम अतिक्रमण में आखिर किसका पलड़ा भारी?

    By Abul Kaish Naiyar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Wed, 10 Dec 2025 07:14 PM (IST)

    दरभंगा में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है, लेकिन जाम की समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर निगम और अंचल के कर्मचारी अस्थायी दुकानों को हटा ...और पढ़ें

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    मिर्जापुर रोड में लगा जाम। जागरण

    संवाद सहयोगी, दरभंगा । प्रशासन अतिक्रमण के विरुद्ध शहर में जाग छेड़े हुए है। प्रतिदिन नगर निगम और अचल के कर्मचारी पुलिस बल और जेसीबी के साथ सड़क और नाले पर बने अस्थायी दुकानों को हटाकर यातायात सुगम बनाने की मुहिम चला रहे हैं।

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    मामूली विरोध के बीच एक पखवारे से अभियान सफलतापूर्वक चलाया जा रहा है। इसके बावजूद शहर में जाम की समस्या घटने के बदले विकराल ही होती जा रही है। संवेदनहीनता का आलम यह है कि जाम में फंसे एंबुलेंस की चीख भी बे असर साबित हो रही है। इसके कारण जाम में फंसकर समय पर उचित चिकित्सकीय सहयोग नहीं मिलने से कई रोगी दम तोड़ चुके हैं।

    जब सड़क किनारे बनी अवैध दुकानों, झुग्गी झोपड़ी आदि को हटा दिया गया तो आखिर जाम क्यों लग रहा है। यातायात का सुगम संचालन क्यों संभव नहीं हो पा रहा है। इसकी पड़ताल की गई तो जिला और प्रमंडल प्रशासन की नाक के नीचे लहेरियासराय टावर से लोहिया चौक तक अभी एक सप्ताह पूर्व ही अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया गया था।

    लेकिन दूसरे ही दिन हटाई गई सभी दुकानें अपने स्थान पर पहले की ही भांति फिर से लग गईं। अंतर यह आया कि पहले शीत और धूप से बचाव के लिए जो टाट लगाया गया था वह नहीं लगाया गया। लहेरियासराय टावर से पूरब चट्टी चौक तक भी प्रथम चरण में ही अतिक्रमण मुक्ति अभियान चलाया गया था मात्र दो दिन बाद ही वहां की स्थिति जब की तस हो गई जबकि जिला परिषद, पुलिस लाइन और डीडीसी आवास भी उसी मार्ग में स्थित है।

    दरभंगा के व्यस्ततम आयकर चौराहा के पूरब और दक्षिण भी प्रशासन ने अवैध दुकानों को हटा दिया था। मगर वहां भी सड़क किनारे के दस फीट चौड़े फुटपाथ पर आज चाय, पान और विभिन्न प्रकार की दुकानें धड़ल्ले से संचालित की जा रही हैं।

    आयकर चौराहा से दक्षिण प्रतिदिन शाम में दर्जनों दुकानें और उनमें आने वाले ग्राहकों के वाहन यातायात में बाधा डाल रहे हैं। पुलिस और सामान्य प्रशासन के अलावा नगर निगम के हाकिम के वाहन भी आते जाते रहते हैं। लेकिन जाम में फंसकर चिंघाड़ने वाले एंबुलेंस के सायरन का दर्द किसी को सुनाई नहीं पड़ रहा। जबकि विगत दिनों सोनकी के विष्णु चौपाल और बेनीपुर के उफरदाहा निवासी मनोज कुमार की मृत्यु जाम में फंसे के कारण समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने से हो गई थी।

    सड़क किनारे की दुकानों को हटा दिया गया था। अगर कोई फिर से लगा रहा है और सड़क पर गलत ढंग से वाहनों की पार्किंग हो रही है तो कार्रवाई होगी। जुर्माना भी लगेगा।
    प्रकाश कुमार, ट्रैफिक डीएसपी।