दरभंगा के इस मंदिर में एक साथ फहराये जाते हैं हजारों ध्वज, नेपाल के लोग भी करते हैं शिरकत
बेनीपुर के मकरमपुर गांव में बजरंगबली मंदिर में हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी को हजारों ध्वज फहराए जाते हैं। इस साल भी 17 अगस्त को ध्वजारोहण होगा। ग्रामीणों का मानना है कि ध्वजारोहण से गांव में शांति आती है। इस अवसर पर भजन-कीर्तन का भी आयोजन किया जाता है।

संवाद सहयोगी, बेनीपुर। भादव कृष्ण पक्ष नवमी यानी 17 अगस्त के दिन हर वर्ष के भांति क्षेत्र के मकरमपुर गांव स्थित बजरंगबली मंदिर प्रांगण में लोग एक साथ करगें हजारों ध्वजारोहन और लहरायेगें बजरंग पताका।
ध्वजारोहण करने को लेकर अभी से पूरा मंदिर प्रांगण जय बंजरबग बली के जयकारों से गुंजायमान हो रहा है। इस अवसर पर मंदिर प्रांगण में भव्य कीर्तन भजन आयोजन करने को लेकर कीर्तन मंडली के सदस्य ने तैयारी शुरु कर दी है।
बजरंगबली मंदिर प्रांगण में देश के पूर्व रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र, पंडित हरिनाथ मिश्र ,सहित देश के कई दिगज्ज नेता भादव कृष्ण पक्ष नवमी के दिन इस मंदिर प्रांगण में आकर ध्वजारोहण कर चुके हैं।
ग्रामीणों की मान्यता
ग्रामीणों का कहना है कि सैकडों वर्ष पहले जब मकरमपुर गांव सहित आसपास के गांव में हैजा फैलने से दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी थी, तो उस समय बजरंगबली मंदिर के पुजारी शीतल बाबा ने रात में स्वप्न देखा कि कोई उनसे कह रहा है कि मंदिर प्रांगण में ग्रामीणों को ध्वजारोहण करने के लिये कहो, इसी से शांति मिलेगी।
जिसके बाद शीतलबाबा ने इस बात को सवेरे ग्रामीणों को बताया और ग्रामीणों द्वारा भादव कृष्ण पक्ष नवमी के दिन मंदिर प्रांगण में ध्वजारोहण किया गया। जिसके बाद से मकरमपुर गांव सहित आसपास के गावों में हैजा की कहर थम गई और उसी दिन से ध्वजारोहण करने की परम्परा शुरु हुई, जो आजतक कायम है।
वहीं ग्रामीण सीताराम चौधरी, संतोष चौधरी सहित कई ग्रामीणों का कहना था कि इस अवसर पर पड़ोसी देश नेपाल के लोग भी ध्वजारोहन करने आते हैं। उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण करने के दिन बजरंगबली को चूड़ा, दही, लड्डू, केला मिठाई आदि भोग लगाया जाता है और ब्राम्हण एवं कुंवारी कन्याओं को भोजन भी कराया जाता है।
कई महिलाएं अपने बच्चों को मुंडन भी करवाती हैं। मकरमपुर गांव के प्रायः सभी घरों के लोग एक एक ध्वजारोहण निश्चित रुप से करते हैं। ध्वजारोहण को लेकर मकरमपुर एंव बगल के नवादा गांव अभी से उत्सवी माहौल देखा जा रहा है।
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