दरभंगा में अजब गजब, मनरेगा में करोड़ों की गड़बड़ी के बाद फाइलें क्यों हुईं गायब?
Bihar Latest news : बिहार के दरभंगा जिले में मनरेगा योजना में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। इस घोटाले के बाद महत्वपूर्ण फाइलें गायब हो गई हैं, ...और पढ़ें

इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।
जागरण संवाददाता, दरभंगा। Darbhanga latest news : संसद में मनरेगा का नाम बदले जाने के दौरान इसमें भ्रष्टाचार की चर्चा यूं ही नहीं हुई थी। दरभंगा जिले को ही देखें, तो एक वर्ष में ही सभी 18 प्रखंडों में राज्य सरकार को दो करोड़ 55 लाख 58 हजार 453 रुपये का चूना लगा दिया गया।
यह वित्तीय अनियमितता तो ऐसे वर्ष 2024-25 की है। लेकिन, यह मामला अब सामने आया है। इससे पूर्व क्या-क्या हुआ होगा कहना मुश्किल है। लेकिन लोकपाल अमरेंद्र ठाकुर की जांच से जो बातें सामने आईं, वह व्यवस्था की पूरी तरह से पोल खोल दी हैं।
इससे हर लोग हैरान हैं। एक ही नहीं बल्कि, जिले के 18 प्रखंडों में एक ही तरह से करोड़ों की सरकारी राशि को बिना निविदा के आधा दर्जन वेंडरों को भुगतान कर दिया गया। जांच के दौरान इससे संबंधित फाइलें भी नहीं मिलीं। यथा, सभी को गायब कर दिया गया। यह पूरा खेल प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारियों, लेखापालों और वेंडरों की मिलीभगत से हुआ।
हद तो यह कि बिना कार्यादेश लिए ही भुगतान कर दिया गया। दोषियों ने राज्य और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों की धज्जियां उड़ा दीं। अलीनगर में डाटा इंट्री आपरेटर से संबंधित व्यय का भुगतान ड्रीम कंप्यूटर साल्यूशन को किया गया।
आकस्मिक मद से 15.18 लाख रुपये का भुगतान किया गया। लेकिन, जांच के दौरान भुगतान का कोई रिकार्ड प्रखंड कार्यालय में नहीं पाया गया। वेंडर के चयन के कागजात भी गायब मिले। भुगतान के लिए कोई दर तालिका का भी जिक्र नहीं मिला।
बहादुरपुर प्रखंड में भी इसी तरह की धांधली पाई गई है। यहां डाटा इंट्री आपरेटर से संबंधित खर्च का पेमेंट एमके कंप्यूटर सर्विस को किया गया। इसे आकस्मिक मद से कुल 14.99 लाख रुपये का भुगतान हुआ।
यहां भी वेंडर के चयन से लेकर दर आदि का कोई रिकार्ड नहीं मिला। हनुमाननगर प्रखंड में भी एमके कंप्यूटर्स सर्विस को ही 8.18 लाख रुपये का भुगतान नियमों के विरुद्ध किया गया। नियमों का उल्लंघन करते हुए इसी तरह के भुगतान अन्य प्रखंडों में भी किए गए।
ब्रजेश कंप्यूटर सर्विस को बेनीपुर प्रखंड में 7.79 लाख, बहेड़ी में 27.52 लाख और सिंहवाड़ा में 16.35 लाख रुपये का भुगतान किया गया। ड्रीम कंप्यूटर साल्यूशन को हायाघाट में 7.96 लाख, कुशेश्वरस्थान में 12.51 लाख, कुशेश्वरस्थान पूर्वी में 3.94 लाख और जाले प्रखंड में 29.62 लाख रुपये का भुगतान हुआ।
जबकि बिरौल में श्री राधा माधव ट्रेडर्स को 13 लाख, गौड़ाबौराम में गायत्री प्लांटिंग कम्युनिकेशन एंड इंटरप्राइजेज को 15.20 लाख और मनीगाछी प्रखंड में निशी इंटरप्राइजेज के साथ ब्रजेश कंप्यूटर सर्विस को 12.4 लाख रुपये का भुगतान नियम विरुद्ध हुआ।
दरभंगा सदर में एमके कंप्यूटर सर्विस को 22.53 लाख के अलावा केवटी में ड्रीम कंप्यूटर सॉल्यूशन और घनश्यामपुर में निशी इंटरप्राइजेज को किए गए भुगतानों को भी संदिग्ध बताया गया है।
किरतपुर में गायत्री प्लांटेशन कम्युनिकेशन एंड इंटरप्राइजेज को 8.52 लाख रुपये के किए गए भुगतान से संबंधित फाइलें भी जांच टीम को नहीं मिलीं। जबकि तारडीह प्रखंड में आकस्मिकता मद से आरके इंटरप्राइजेज को 32.26 लाख रुपये का भुगतान गलत ढंग से कर दिया गया।
ऐसे में लेखापाल ने अपनी जांच रिपोर्ट में जिले के सभी प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारियों और लेखापालों के खिलाफ कार्रवाई करने और बेनीपुर के विद्यार्थी स्टेशनरी को छोड़कर शेष सभी वेंडरों को काली सूची में डालने की अनुशंसा की है।
जांच प्रतिवेदन में उन्होंने डीआरडीए के जिला अंकेक्षण प्रबंधक प्रणय कुमार की रिपोर्ट को भी शामिल किया है। बता दें कि जाले प्रखंड के पंचायत समिति सदस्य अनिकेत कुमार मिश्रा की शिकायत पर पूरे मामले की जांच की गई है।

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