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    Darbhanga Latest News : ओनोस नीतिगत तरीके से राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने में सहायक

    By Prince Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Wed, 17 Dec 2025 09:12 PM (IST)

    दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 'एक राष्ट्र एक सब्सक्रिप्शन सदस्यता' पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी ने क ...और पढ़ें

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    कार्यशाला का उद्घाटन करते कुलपति व उच्च शिक्षा निदेशक। जागरण

    जागरण संवाददाता, दरभंगा । नेशनल फाउंडेशन विथ रिसर्च फाउंडेशन विथ लिब्रल एजुकेशन हमारा लक्ष्य है। पीएम उषा के अंतर्गत मेरू विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने से हमारे सामने बड़ी चुनौती और जिम्मेदारी खड़ी है। हमें आईआईटी और आईआईएम की तर्ज पर स्वयं को विकसित करना होगा ताकि बदलते वैश्विक आवश्यकताओं के मापदंड पर खरा उतर सके।

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    उन्नत शोध और स्वावलंबी सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हमारी प्राथमिकता है। उक्त बातें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय कुमार चौधरी ने कहीं।

    वे यूजीसी इंफ्लिबनेट सेंटर एवं ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला सह उपभोक्ता जागरुकता कार्यक्रम ' एक राष्ट्र एक सब्सक्रिप्शन सदस्यता' ( ओनोस भारत) के आयोजन को संबोधित कर रहे थे।

     

    अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति ने कहा कि भारत सरकार द्वारा संचालित ओनोस भारत वट वृक्ष समान है, जिसके नीचे गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रणाली विकसित होगी। यह समय की मांग है कि शिक्षक टीचिंग - लर्निंग होराइजन में संलग्न हो शोधार्थियों का मार्गदर्शन करें। कुलपति ने ई- रिसोर्सेज से लबरेज पुस्तकालय की बात रखी।

    उन्होंने पुस्तकालय को किसी विश्वविद्यालय व कालेज की हृदयस्थली माना। ऐसे में समृद्ध पुस्तकालय में इंफ्लिबनेट के महत्व और अनुप्रयोगों की विस्तार से चर्चा की। अपने संबोधन में कुलपति ने बताया कि ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में 75 प्रतिशत शोध कार्य ' शोध गंगा ' पर अपडेटेड हैं।

    थीसिस को शोधार्थियों की पहुंच तक लाना आवश्यक है ताकि उनके शोध का मार्ग प्रशस्त हो सके। ओनोस नीतिगत तरीके से राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने में सहायक है। कार्यशाला में उपस्थित अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिभागियों को कड़ी मेहनत और अनुशासनात्मक अधिगम की प्रक्रिया से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

    कार्यशाला में उच्च शिक्षा निदेशक प्रो एनके अग्रवाल और गांधीनगर, गुजरात इंफ्लिबनेट सेंटर के तकनीकी विशेषज्ञ डा. अभिषेक कुमार और दिनेश रंजन प्रधान की गरिमामयी उपस्थिति रही। बतौर मुख्य वक्ता प्रो एनके अग्रवाल ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि उच्च शिक्षा क्षेत्र में उन्नत और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों का संरक्षण आवश्यक है।

    स्किल्ड लीडरशिप, अथक परिश्रम और विजनरी दृष्टि से कार्य करते हुए सकल बिहार राज्य में उच्च शिक्षा को उत्कर्ष तक पहुंचाना हम सभी का दायित्व है। शोध के विभिन्न क्षेत्रों यथा विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और मानविकी क्षेत्र के साथ - साथ क्षेत्रीय शोध पर ध्यान देना अपेक्षित है। समृद्ध शोध- संवाद, कुशल टीम योजना और सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के रास्ते अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त होगा।

    बिहार सरकार क्षेत्रीय शोध को हमेशा से आमंत्रित करती है। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित यह कार्यशाला प्रशंसनीय है, जहां शिक्षक, शोधार्थी सभी अनुसंधान के नए अध्यायों का पारायण करेंगे। तकनीकी सत्र के प्रथम वक्ता डा. अभिषेक कुमार ने शोध चक्र, ई - शोध सिंधु, विद्वान, शेरनी ( वूमेन सेंट्रिक रिसर्च), ई. पीजी पाठशाला, विद्या मित्र, डीटीएच लर्निंग सोर्स, स्वयं प्रभा, शोध प्रभा आदि ई - लर्निंग होराइजन पर सुगठित प्रस्तुति दी।

    ओनोस, भारत सरकार में कार्यरत साइंटिस्ट डी दिनेश रंजन प्रधान ने ओनोस भारत के एक राष्ट्र एक सब्सक्रिप्शन की समूची अधिसंरचना और कार्य प्रणाली संबंधित प्रशिक्षण दिया। कार्यक्रम के स्वागत उद्बोधन में कुलसचिव डा. दिव्या रानी हंसदा ने सदस्यों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अमिताभ कुमार और कार्यक्रम के संयोजक सह - मेरू नोडल अधिकारी अमृत कुमार झा ने किया।

    बता दें कि बिहार के छह विश्वविद्यालय- ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा , बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा , तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर, मुंगेर विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के लगभग 150 से अधिक प्रतिभागियों , विभागाध्यक्ष, लाइब्रेरियन, एवं आईक्यूएसी निदेशकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। मौके पर जितेंद्र नायक, विनोद कुमार, आईक्यूएसी निदेशक डा मो . ज़्या हैदर, डा. अंकित सिंह, डा. अभिषेक कुमार राय, सुमित कुमार झा, सुनील कुमार पासवान और गणेश पासवान भी मौजूद थे।