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    दरभंगा जिले में चार वर्षो से नहीं पूरा हो रहा धान खरीद का लक्ष्य, किसान किसके भरोसे?

    By Vinay Kumar Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:30 PM (IST)

    दरभंगा जिले में पिछले चार सालों से धान खरीद का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया है, जिससे किसान परेशान हैं। उन्हें उपज बेचने में दिक्कतें आ रही हैं और समय पर भुगतान भी नहीं हो रहा। किसान सरकार से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं ताकि उन्हें अपनी फसल का सही मूल्य मिल सके।

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    लहेरियासराय व्यापार मंडल पर किसान से धान खरीदते व्यापार मंडल अध्यक्ष प्रदीप कुमार चौधरी व अन्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, दरभंगा । जिले के किसान सरकारी क्रय केंद्र पर धान बेचने में उदासीनता बरत रहे हैं। जिसका मुख्य कारण भुगतान की प्रक्रिया जटिल होना और नमी के नाम पर पैक्सों की ओर से किसानों को परेशान करना बताया जा रहा है।

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    जिले में विगत चार वर्षो से निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध सरकारी दर पर धान की खरीद नहीं हो पा रही है। इस कारण किसान अपने फसल को ओने-पोने दाम पर बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

    बहादुरपुर के किसान सुशील माली, धर्मेद्र पोद्धार, श्याम सुंदर सिंह, बिरौल के किसान मदन यादव, फिरोज खां, राम कुमार पासवान, राम सोहन पासवान आदि कहते हैं कि धान की फसल कटने के बाद तुरंत रबी फसल की बुआई शुरू हो जाती है।

    ऐसे में किसान को उर्वरक, बीज, खेत की जुताई आदि के लिए तत्काल रुपये की आवश्यकता होती है। सरकारी दर पर धान बेचने पर किसान को भुगतान के लिए एक माह का समय लगता है। इसी को देखते हुए किसान स्थानीय व्यापारियों के हाथों ओने-पोने दाम में धान बेच लेते हैं।

    सरकार प्रत्येक वर्ष किसानों से धान खरीदने के लिए एक नवंबर की तिथि निर्धारित करती है। प्रक्रिया जटिल होने और धान में नमी के नाम पर पैक्स अध्यक्षों की ओर से क्विंटल में पांच से दस किलो की कटौती के कारण किसान इन सभी परेशानी से बचने के लिए स्थानीय व्यापारियों के हाथों ओने-पोने दाम में अपना धान बेच देते है।

    किसानों से क्रय किया गया धान

    सरकारी दर पर धान खरीदने को लेकर 96 समिति का चयन किया गया है। इसमें 84 पैक्सों के माध्यम 161 किसानों से 10266. 4 क्विंटल धान की खरीद की गई। अब तक 105 किसानों का भुगतान किया गया है। धान का समर्थन मूल्य 2369 रुपये व ए ग्रेड धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है।

    सहकारिता विभाग के अनुसार, रैयत किसान से अधिकतम 250 क्विंटल धान की खरीदारी की जाएगी, जबकि गैर रैयत किसान से अधिकतम 100 क्विंटल धान की ही खरीद हो सकेगी। जिला सहकारिता से मिली रिपोर्ट के अनुसार जिले में वर्ष 2021-22 में धान खरीद का लक्ष्य 35000 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था। लेकिन, 209 पैक्स के माध्यम से 7997 किसानों से 34956 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई।

    इसी प्रकार से वर्ष 2022-23 में धान खरीद का लक्ष्य 76375 मीट्रिक टन निर्धारित किया गया था। लेकिन, 167 पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से 9688 किसानों से 48553 मीट्रिक टन धान की खरीद की। वर्ष 2023-24 में जिले का निर्धारित लक्ष्य 80212 मीट्रिक टन था। रिपोर्ट के अनुसार 239 पैक्स व व्यापार मंडल के माध्यम से 4466 किसानों से 28563 मीट्रिक टन धान की खरीद हुई। जिले में धान खरीद के लिए 80 हजार 212 मीट्रिक टन लक्ष्य निर्धारित किया गया था। वर्ष 2024-25 में 73757 मीट्रिक टन लक्ष्य के विरुद्ध 178 पैक्स के माध्यम से 5867 किसानों से 41366 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी।

    धान की कटाई जारी है। छोटे-छोटे किसानों से धान क्रय किया जा रहा है। चयनित पैक्स को सरकारी दर पर धान क्रय करने के लिए एक लाट का कैश क्रेडिट किया गया है। सात राइस मिलों का भौतिक सत्यापन किया जा चुका है। धान में नमी की मात्रा अधिक है। इससे धान खरीद पर असर पड़ा है।

    अरुण कुमार - जिला सहकारिता पदाधिकारी, दरभंगा।